निषाद समाज की महिलाओं के बीच बैठकर पूरे घटना क्रम की ली जानकारी
- पीडि़त फैमली की महिलाओं का हाथ पकड़कर ढाढस बंधाती रही कांग्रेस महासचिव
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PRAYAGRAJ: प्रभु श्रीराम के वनवास काल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले निषाद समाज के शरण में रविवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी पहुंची। इस दौरान निषाद समाज की महिलाओं के बीच बैठकर अपनी सियासी नैया को पार लगाने का प्रयास करती दिखी। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रियंका गांधी वाड्रा बसवार गांव पहुंची। प्रियंका के पहुंचते ही वहां पर लोगों ने उनका स्वागत जिंदाबाद के नारों से किया। प्रियंका के बैठने के लिए सिंगल कुर्सी लगाई गई थी, लेकिन प्रियंका समाज की महिलाओं से जुड़ने के लिए उनके बीच दरी पर ही बैठ गई। इस दौरान वह महिलाओं का हाथ अपने हाथों में लेकर उनका ढाढस बंधाती दिखी।
महिलाओं ने बतायी घटना की दास्तान
प्रियंका गांधी को अपने बीच पाकर निषाद समाज की महिलाओं में भी उत्साह दिखा। उन्होंने प्रियंका गांधी को पूरे पुलिस कार्रवाई की घटना का डिटेल बताया। इस दौरान एक महिला के आंखों में आंसू आ गया, जिस पर प्रियंका ने उसे चुप कराते हुए न्याय का भरोसा दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी गंगा यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि जिस नाविक ने उनकी गंगा यात्रा में खेवनहार की भूमिका निभाई थी। उस समाज के लोगों के लिए वह हर दम संघर्ष करेगी।
टीले से तय किया टूटी नाव तक का सफर
निषाद समाज की महिलाओं के साथ वह यमुना नदी के किनारे बालू और धूप के बीच पैदल ही टूटी नाव देखने पहुंची। इस दौरान उन्होंने महिलाओं और समाज के लोगों से बातचीत भी की। यमुना के किनारे पूरे रास्ते प्रियंका लोगों से घिरी रही। हर कोई उनकी एक झलक पाने को बेताब दिखा। युवाओं में भी प्रियंका को लेकर क्रेज दिखा। टूटी नावों को देखने के बाद प्रियंका सभी को सांत्वना देने के बाद वहां से अपने काफिले के साथ स्वराज भवन के लिए रवाना हो गई। इस दौरान उनके काफिले में स्थानीय कांग्रेस नेताओं का दल भी पूरे समय उनके साथ रहा।