प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बंदियों और कैदियों की संख्या से ओवर फ्लो चल रही नैनी सेंट्रल जेल के कुछ नियम और कायदे जानकार आप चौंक जाएंगे। जेल में बंद लोगों से मिलाई के वक्त उनके अपने बीड़ी और सिगरेट तंबाकू दे सकते हैं। मगर उसे जलाने के लिए माचिस या लाइटर के दिए जाने पर सख्त पाबंदी है। मिलाई करने वाले जेल में बंद अपनों को साबुत फल भी दे सकते हैं। मगर उस फल को काटने के लिए जेल में चाकू कोई नहीं दे सकता। यही वजह है कि छापेमारी में जेल के अंदर चाकू और लाइटर मिलने पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह सस्पेंड कर दिए थे। हालांकि बुधवार तक उनकी जगह नैनी सेंट्रल जेल में किसी दूसरे वरिष्ठ जेल अधीक्षक की तैनाती नहीं हो सकी थी। ओवर फ्लो जेल में मौजूद हजारों कैदियों व बंदियों की दाढ़ी बनाने व बाल काटने के लिए मौजूदा समय में दो से तीन बार्बर ही तैनात हैं। ऐसी स्थिति में यहां काम करने वाले बार्बर सबसे ज्यादा परेशान हैं।

बिना काटे कैसे खाएंगे फल
यमुना नगर में स्थित नैनी सेंट्रल जेल करीब 65 एकड़ में अंगे्रजों के द्वारा बनाया गया था। इस जेल की क्षमता करीब दो हजार के करीब कैदियों को रखने की है। मौजूदा समय में यहां सजायाफ्ता कैदी व बंदी मिलाकर कुल चार हजार लोग बंद हैं। यानी जेल की क्षमता से अधिक यहां लोग बंद किए गए हैं। जेल पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बंद लोगों से मिलाई करने वाले उनके अपनों के लिए भी कुछ सख्त नियम हैं। मिलाई करने के लिए आने वाले परिजन जेल में बंद लोगों को साबुत कोई भी फल दे सकते हैं। खुले हुए डिब्बे में घी, तेल व साबुन आदि भी उनके जरिए बंदयों व कैदियों को दिया जा सकता है। परिजनों द्वारा बीड़ी और सिगरेट एवं तम्बाकू जैसी चीजों को देने पर भी कोई पाबंदी नहीं हैं। शर्त है कि बीड़ी ओर सिगरेट के साथ कोई लाइटर व माचिस और फल के साथ चाकू उन्हें कोई नहीं देगा। जेल में लाइटर, माचिस व चाकू मोबाइल, ब्लेड आदि दिए जाने पर सख्त पाबंदी पाबंदी हैं। दिए जाने वाली बीड़ी व सिगरेट को जलाने के लिए जेल के अंदर एक रस्सी सुलगा कर टांगने का नियम है। इसी से जेल के अंदर बंदी व कैदी सिगरेट और बीड़ी को जला सकते हैं। जेल के अंदर परिजनों के जरिए मिलाई के वक्त दिए गए साबुत फल को उन्हें दांत से काटकर खाना होगा। क्योंकि चाकू दिए जाने की सख्त मनाही है। जेल में कुछ दिन पूर्व छापे के वक्त जो चाकू बरामद हुई थी उसे किसी बंदी ने चम्मच को पत्थर पर रगड़ कर बनाया था। बरामद लाइटर भी बंदी बीड़ी व सिगरेट पीने के लिए ही अपने पास रखे हुए थे। यह लाइटर उन्हें मिलाई करने के लिए पहुंचे परिजनों के जरिए दिए गया गया था। यही वह नियम और बरामदगी थे जिसके चलते वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह को पुलिस महानिदेशक कारागार के द्वारा सस्पेंड किया गया था। इतना ही नहीं, जेल के अंदर बंद करीब चार हजारों लोगों की दाढ़ी बनाने और बाल काटने के लिए महज दो से तीन बार्बर यानी नहीं ही तैनात हैं। जेल में बंदियों और कैदियों की इतनी बड़ी तादाद की वजह से वह बर्बर भी काफी परेशान बताए जा रहे हैं।