- 2011 की है भर्ती, पांच मंडलों के इंटरव्यू को जारी नहीं हो सका रिजल्ट

- 2013 भर्ती प्रक्रिया में आवदेन के बाद से अभ्यíथयों को है इंटरव्यू शुरू होने का इंतजार

प्रयागराज- साल दर साल बीतते जा रहे हैं। लेकिन माध्यमिक स्कूलों के दिन बदलने की नौबत नहीं आ रही है। ऐसे में गुणवत्ता परक शिक्षा का दावा खोखला ही हो रहा है। सूबे के माध्यमिक स्कूलों को ही देखे तो हजारों की संख्या में स्कूलों में प्रिंसिपल के पद आज तक रिक्त पड़े हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से ही प्रिंसिपल भर्ती की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। यही कारण है कि दस साल पहले शुरू हुई प्रिंसिपल भर्ती प्रक्रिया आज तक नहीं पूरी हो सकी। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से 2011 में प्रिंसिपल भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। जिसमें पांच मंडलों के अभ्यíथयों के इंटरव्यू का रिजल्ट आज तक जारी नहीं हो सका।

2013 की अटकी है भर्ती

प्रिंसिपल पदों पर भर्ती के लिए बोर्ड की ओर से 2013 में फिर से विज्ञापन जारी किया गया। करीब 599 पदों के लिए निकाली गई भर्ती के लिए पूरे प्रदेश से कुल करीब 25031 अभ्यíथयों ने आवेदन किया था। जिनके इंटरव्यू के लिए कवायद जारी रही। लेकिन उसके बाद माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में लगातार चली अस्थिरता के कारण कई बोर्ड अध्यक्ष को बदला गया। जिसके कारण इंटरव्यू की शुरुआत नहीं हो सकी। सूबे में 2017 में सत्ता परिर्वतन के बाद बोर्ड के पुर्नगठन के बाद 2013 के अभ्यíथयों को इंटरव्यू शुरू होने की उम्मीद थी। लेकिन उनकी उम्मीद भी टूटती नजर आ रही है। इन पदों के लिए आज तक इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। जबकि ताजा आंकड़ों पर नजर डाले तो नए अधियाचन में करीब 800 बोर्ड के पास नए पहुंच चुके है। ऐसे में सूबे में हजारों की संख्या में एडेड माध्यमिक स्कूलों बगैर स्थाई प्रिंसिपल के ही संचालित हो रहे हैं।

- 2011 में करीब 942 पदों के लिए शुरू हुई थी भर्ती

- 28000 अभ्यíथयों ने किया था आवेदन

- 5 मंडलों के इंटरव्यू का नहीं जारी हो सका रिजल्ट

- 2013 में करीब 599 पदों के लिए जारी हुआ था विज्ञापन

- 25031 अभ्यíथयों ने किया है आवेदन

वर्जन

- 2011 के बचे हुए मंडलों के इंटरव्यू का रिजल्ट जारी करने के लिए कोर्ट ने आदेश दिया था। उसके बाद भी रिजल्ट नहीं आ सका। सूबे में बड़ी संख्या में स्कूलों में प्रिंसिपल पद खाली है।

डॉ। हरि प्रकाश यादव

शिक्षक नेता