प्रयागराज (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम से शुरू हुए तो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, से लेकर मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का भी नाम लेना नहीं भूले। इतना ही नहीं कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, मेयर अभिलाषा गुप्ता से लेकर नाम के साथ उनके उपनाम का भी जिक्र करना नहीं भूले। सियासी गली के थिंक टैंक की मानें तो अप्रत्यक्ष रूप से उनके जरिए इस मंच से जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश की गई। प्रयागराज से प्रकाशित ङ्क्षहदी साहित्य की अद्वितीय पत्रिका Óसरस्वतीÓ के संपादक रहे आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी का जिक्र भी एक वर्ग को साधने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है। योजनाओं की तारीफ में तीन तलाक पर उनका बोला विपक्षियों को रास नहीं आया। प्रधानमंत्री द्वारा की गई तीन तलाक की बात को विपक्षी दूसरे नजरिए से देख रहे हैं। उनका मानना है कि तीन तलाक की बात करके प्रधानमंत्री मुश्किल महिला वोटरों को साधने का प्रयास किए। प्रयागराज के इस प्रोग्राम में महिला समूहों के खाते में रुपये ट्रांसफर करना भी विपक्ष के लोग सियासी हरकत ही मान रहे हैं।
जानकारों की माने तो प्रयागराज यूपी की सियासत का केंद्र बिन्दु बन रहा है। यही वह कारण है कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश के तमाम जनपदों से महिला लाभार्थियों को यहां बुलवा कर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किए। ऐसा नहीं होता तो वह इस प्रोग्राम को लखनऊ में भी कर सकते थे। कहते हैं कि लेकिन ऐसा करने से पार्टी को इस प्रोग्राम का कोई सियासी लाभ नहीं मिलता। इसीलिए प्रोग्राम को प्रदेश की सियासत में अहम रोल अदा करने वाले जनपद प्रयागराज में रखा गया। सरकारी प्रोग्राम भी हो गया और चुनावी की जमीन भी तैयार कर ली गई। विपक्ष में इन बातों को लेकर शुरू हुई कानाफूसी में कितना दम है फिलहाल यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है।