पीडब्लूडी ने मंच बनाने और टेंट लगाने के लिए जारी किया 80 लाख का टेंडर
हाई कोर्ट प्रिमाइस और झलवा में प्रस्तावित है प्रेसीडेंट का प्रोग्राम
अभी तक प्रोटोकाल का अता-पता नहीं है। इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेन्द्र सिंह के अलावा किसी ने कुछ बोला नहीं है। लेकिन, जिस स्तर पर तैयारियां चल रही हैं, उससे स्पष्ट है कि प्रेसीडेंट का प्रयागराज आना फाइनल हो चुका है। प्रोटोकॉल जारी होना प्रासेस का पार्ट है और वह आ जाएगा। हाई कोर्ट बार के अध्यक्ष की बातों को पीडब्लूडी ने एक कदम आगे बढ़ा दिया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के 11 सितंबर को प्रयागराज आगमन को देखते हुए पीडब्लूडी ने टेंडर जारी कर दिया है।
लोक निर्माण विभाग ने आयोजन के लिए मंच बनाने और टेंट लगाने के लिए 80 लाख रुपये का टेंडर जारी कर दिया है। बता दें कि झलवा में ट्रिपल आइटी के निकट 10 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदेश का पहला विधि विश्वविद्यालय बनना है। इसकी घोषणा प्रदेश सरकार तीन साल पहले ही कर चुकी है। अभी तक इसका शिलान्यास नहीं हुआ है। यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को आमंत्रित किया गया है। इसलिए माना जा रहा है कि सरकार दौरा होने से पहले ही बजट भी जारी कर देगी। इसके अलावा इलाहाबाद हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं के यूज के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बतायी जानी है। यहां पार्किंग के साथ अधिवक्ताओं के चैंबर होंगे। इसका भी शिलान्यास प्रोग्राम राष्ट्रपति के हाथों प्रस्तावित है। इन दोनों स्थलों पर भव्य पंडाल और मंच बनाया जाएगा। बारिश को देखते हुए जर्मन हैंगर वाला पंडाल लगेगा। इसके अलावा बैरीकेडिंग व अन्य इंतजाम होंगे। इसलिए इस पर करीब 80 लाख रुपये का खर्च आएगा। अनुमानित खर्च के आधार पर लोक निर्माण विभाग ने टेंडर जारी कर दिया है। सात सितंबर तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर लेनी है।
शुरू हो गई पुल की रंगाई पुताई
सड़कों की पैचिंग और सफाई का काम दो दिन पहले ही शुरू हो गया था। अब हाई कोर्ट ब्रिज की रंगाई-पुताई का भी काम शुरू हो गया है। खासकर एयरपोर्ट से झलवा और हाई कोर्ट तक सड़कों की पैचिंग, सफाई और किनारें की झाडि़यां काटने का काम तेज कर दिया गया है। इसके लिए नगर निगम और लोक निर्माण विभाग की टीम लगी है। शहरी क्षेत्र में भी सफाई का काम तेज कर दिया गया है। राष्ट्रपति के आगमन के दौरान शहर में राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि भी रहेंगे। वह कोरोना को देखते हुए कहीं अस्पतालों का विजिट न करने लगे, इसलिए अस्पतालों में भी रंगाई पुताई शुरू कर दी है।