इसके सम्पर्क में आते ही मच्छर को मार देने की क्षमता है मच्छरदानी में

शासन की ओर से जिले में छह हजार गरीब परिवारों को कराया जाएगा इसका वितरण

इस बार शासन ने मलेरिया जोखिम क्षेत्रों में डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए अति गरीब लोगों को मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरण का निर्णय लिया है। जिसकी खासियत है कि इसके सम्पर्क में आने के बाद मच्छर जिंदा नहीं बचेगा। यह मच्छरदानी आम पब्लिक के लिए नही हैं। लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे इसे घर पर तैयार किया जा सकता है। ऐसा करके इस सीजन में खुद को जानलेवा मच्छरजनित बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं।

तीन स्टेप में हो जाएगी तैयार

सरकार की तरफ से मेडिकेटेड मच्छरदानी मलेरिया विभाग को सप्लाई की जा रही है। वह फैक्ट्री से बनकर आ रही है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने इसे घर पर तैयार करने का फॉर्मूला जानने की कोशिश की ताकि कॉमनमैन भी अपनी सुरक्षा खुद कर सके। कैसे होगा यह संभव आपभी जान लीजिए

1.

एक नार्मल मच्छरदानी को बाजार से लेकर घर आना है।

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बाजार से डेल्टा मैथरिन परचेज करना है। डेल्टा मैथरिन 2.5 किसी कीटनाशक की दुकान पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।

बाल्टी में पानी लें और पानी के कुल हिस्से का 2.5 फीसदी डेल्टा मैथरिन डालकर घोल तैयार करना है। इस घोल में मच्छरदानी को छोड़ देना है।

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मच्छरदानी लटकाकर नहीं बल्कि चारपाई पर फैलाकर सुखाना है ताकि दवा मच्छरदानी ही सोख ले।

4.

मच्छरदानी के इस अवस्था में सूख जाने के बाद उसका उपयोग किया जा सकता है।

यहां पर होगा नि:शुल्क वितरण

भारत सरकार ने मलेरिया जोखिम वाले क्षेत्रों में मेडिकेटेड मच्छरदानी वितरण की जिम्मेदारी मलेरिया विभाग को दी है। प्रयागराज में छह हजार मच्छरदानी ऐसे जोखिम वाले क्षेत्रों में वितरित की जा रही हैं। यह अति गरीब लोगों को दी जाएगी। इससे डेंगू और मलेरिया जैसे घातक रोगों का खतरा कम हो जाएगा। अभी तक जिले में आठ मामले डेंगू के सामने आ चुके हैं। बाढ़ का पानी उतरने के बाद इस बीमारी का खतरा हर साल की तरह इस बार भी बढ़ रहा है।

डेंगू से बचाव के लिए रखिए ध्यान

घर के कूलर का पानी बदलते रहें। गमले, टायर और खाली डिब्बों में भरे साफ पानी में डेंगू के लार्वा पनपते हैं।

इस सीजन में बदन को पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए।

डेंगू फीवर आने पर बिना डॉक्टर की सलाह लिए एंटी बायटिक दवा का सेवन न करें। इससे बॉडी में प्लेटलेट्स की भारी कमी हो सकती है।

डॉक्टर की सलाह पर डेंगू की एलाइजा जांच कराएं। कार्ड टेस्ट को मान्य नहीं किया गया है।

डेंगू फीवर आने पर केवल पैरासिटामाल खा सकते हैं। बाकी दवाएं डॉक्टर की सलाह पर ही लें।

मलेरिया मादा एनाफिलीज और डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसे टाइगर मास्कीटों भी जाता है।

घर के भीतर और बाहर जलभराव मत होने दें। इससे मच्छर के लार्वा पनप सकते हैं।

अस्पतालों को दिए गए निर्देश

शहर के निजी अस्पतालों को डेंगू के संबंध में निर्देश दिए गए हैं। उनको बताया गया कि अगर कोई संदिग्ध मरीज भर्ती होता है तो इसकी जानकारी मलेरिया विभाग को दी जाए। बिना जानकारी दिए इलाज करना निर्देश का उल्लंघन माना जाएगा। मरीज की मेडिकल कॉलेज में एलाइजा जांच कराना भी जरूरी है।

नालियां चोक हो गई हैं। इनकी सफाई कराने से मलेरिया के मच्छर नहीं पनप सकेंगे। हमलोग दवा भी छिड़काव करा रहे हैं। लोगों को चाहिए कि आसपास या घर पर साफ पानी एकत्र न हो। इससे डेंगू के मच्छर नही पनप सकेंगे। यह साफ पानी में अपने अंडे देते हैं।

डॉ। नानक सरन

सीएमओ प्रयागराज

मच्छरदानी अति गरीब लोगों में वितरित की जाएगी। लोग चाहे तो इसको विधि पूर्वक अपने घर भी तैयार कर सकते हैं। इस सीजन में खुद को मच्छरों के डंक से बचाकर रखना जरूरी है।

आनंद सिंह

जिला मलेरिया अधिकारी