अपने स्पेस का भरपूर यूज कर रहे हॉस्पिटल्स, सड़क पर खड़े हो रहे वाहन
आधी सड़क पर पार्किंग होने से लोगों को आवागमन में हो रही दिक्कत
शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम संचालकों को केवल अपना भला दिख रहा है। उनको आम पब्लिक की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है। वह अपने स्पेस का सौ फीसदी कामर्शियल यूज कर रहे हैं और सड़क को उन्होंने पार्किंग बना रखा है। इससे वहां से गुजरने वाली पब्लिक को दिक्कत होती है। ऐसा कोई आम हॉस्पिटल नहीं बल्कि शहर के नामी गिरामी चिकित्सा प्रतिष्ठानों द्वारा किया जा रहा है। जिस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट लगातार अपने अभियान से पर्दा उठाने का काम कर रहा है।
कलेक्ट्रेट से तीन सौ मीटर दूर है हॉस्पिटल
कलेक्ट्रेट से महज दो- तीन सौ मीटर दूर म्योर रोड स्थित आनंद हॉस्पिटल के सामने सड़क अक्सर मरीजों के वाहन खड़े रहते हैं। इनमें टू व्हीलर और फोर व्हीलर शामिल हैं। सोमवार की शाम दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जायजा लिया तो यही हाल दिखाई दिया। आधा दर्जन से अधिक फोर व्हीलर और दर्जनों की संख्या में टू व्हीलर खड़े हुए थे। इनकी वजह से पब्लिक को चलने के लिए आधी सड़क ही बची थी। जैसे-जैसे शाम हो रही थी गाडि़यों की संख्या में इजाफा होता जा रहा था।
पार्किंग से ज्यादा सड़क पर वाहन
सड़क के दोनों ओर बेतरतीबी से खड़ी गाडि़यों को लेकर जब हमने हॉस्पिटल के मैनेजर एके श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने साधारण सा जवाब दिया। उन्होंने कहा हमारे पास पार्किंग है लेकिन पब्लिक नही मानती है। जब पूछा गया कि पीडीए आकर कार्रवाई करेगा तो? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हम थोड़ ही किसी को सड़क पर पार्क करने के लिए कह रहे हैं। जिसकी गाड़ी होगी, चालान भी तो उसी का होगा। इसका अस्पताल से क्या लेना-देना। उन्होंने पब्लिक की मनमानी को अपनी मजबूरी बता दिया। नियमों को हास्पिटल प्रशासन भूलता नजर आया। जब हमने पार्किंग का जायजा लिया तो वहां महज दो से तीन वाहन ही खड़े थे और उससे अधिक वाहन रोड पर नजर आए।
पार्किंग की जगह चल रही ओपीडी
म्योर रोड पर ही ट्रैफिक चौराहे के पास द्विवेदी मल्टी स्पेशयलिटी हॉस्पिटल है। यहां पर टू और फोर व्हीलर सुबह से शाम तक सड़कों पर दोनों ओर लगे रहते हैं। जब कभी रश अधिक होता है तब वाहनों का मजमा लगा रहता है। रिपोर्टर ने जब हॉस्पिटल का जायजा लिया तो हकीकत सामने आ गई। हॉस्पिटल के बेसमेंट में लगभग आधा दर्जन डॉक्टरों की ओपीडी संचालित हो रही थी। हॉस्पिटल के पीछे पार्किंग के लिए जगह छोड़ी गई है लेकिन उसका यूज नहीं हो रहा था। मरीजों को वाहन बाहर लगाने को कह दिया जाता है। हॉस्पिटल के मैनेजर वीरेंद्र यादव से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि हमारे यहां मानक के अनुरूप पार्किंग स्पेश है।
मरीज भर्ती नहीं करते, ओपीडी चलाते हैं
राजापुर श्रीहनुमान मंदिर चौराहे के पास स्थित लोटस हॉस्पिटल के बाहर भी तीस फिट रोड पर दोनों ओर वाहन पार्क थे। हॉस्पिटल के संचालक डॉ। घनश्याम मिश्रा से हमने इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि हमारे पास पार्किंग नहीं है। हम सडृक पर ही वाहन पार्क कराते हैं। पूछा कि इससे पब्लिक को परेशानी नहीं होती तो उनका कहना था कि ओपीडी 11 से 3 बजे दोपहर तक चलती है। इसके बाद मैं मरीज नहीं देखता। बिल्डिंग पर हॉस्पिटल का बोर्ड लगा हुआ था लेकिन उनका कहना था कि वह केवल ओपीडी संचालन कर रहे हैं। मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। उनके बगल में ही लोकप्रिय हास्पिटल के बाहर भी पब्लिक के वाहन बेतरतीबी से खड़े नजर आए। हॉस्पिटल के संचालक पंकज निगम से संपर्क नहीं हो सका।