सीबीएसई की ओर से अभी तक जुलाई में होता था इप्रूवमेंट एग्जाम

सीबीएसई के इतिहास में पहली बार दिखा बदलाव

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PRAYAGRAJ: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजूकेशन यानी सीबीएसई के इतिहास में पहली बार 12वीं का रिजल्ट जुलाई लास्ट में आया है। बोर्ड की ओर से पिछले साल तक जुलाई में इप्रूवमेंट एग्जाम कराया जाता था। ऐसे में सीबीएसई के अभी तक के इतिहास में ऐसा पहली बार मौका आया है। वहीं सीबीएसई 10वीं बोर्ड का रिजल्ट अगस्त में आने की संभावना है। बोर्ड के अधिकारियों की माने तो सीबीएसई के गठन के बाद से कभी भी ऐसी परिस्थितियां नहीं बनी। जब बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जुलाई लास्ट व अगस्त में आए।

जून तक जारी हो जाता था रिजल्ट

सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं मार्च महीने में शुरू होती थी। पिछले सालों में कुछ बदलाव के बाद फरवरी में परीक्षाओं की शुरुआत हो जाती थी। हालांकि रिजल्ट मई में जारी होता था। कई बार परीक्षाओं में देरी के कारण जून के फस्ट वीक तक रिजल्ट जारी हुआ था। लेकिन जुलाई लास्ट में 12वीं रिजल्ट पहली बार जारी हो रहा है। जबकि इस बार कोरोना महामारी के कारण बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो सकी और सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का निर्णय लिया गया। लेकिन प्रमोट करने के फार्मूला तैयार करने में हुई देरी के कारण रिजल्ट जारी करने में इतना समय लग गया।

कई बार जारी हुई थी परीक्षा की डेट

कोरेाना महामारी के सेकेंड वेव में बिगड़े हालात को देखते हुए सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा अपने निर्धारित समय से टाल दी गई। इसके बाद कई बार बोर्ड की ओर से परीक्षा की डेट घोषित की गई। लेकिन परीक्षा कराने की स्थिति नहीं बन सकी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में कई स्टूडेंट्स और पैरेंट्स ने पीटिशन डालकर परीक्षा निरस्त कराने की मांग की। कोर्ट की ओर से सेंट्रल गवर्नमेंट और सीबीएसई से पूरे मामले में जवाब मांगा गया। जिसके बाद सीबीएसई ने परीक्षा निरस्त करते हुए सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट करने का फैसला लिया।