- स्मार्ट सिटी के तहत फिर खोद दी गई सड़कें

- नाला निर्माण सहित डिवाइडर और फुटपाथ बनाने का चल रहा काम

- दो माह से धूल और गड्ढों से परेशान हैं लोग, काफी धीमी है वर्क प्रॉसेस

2019 महाकुंभ के दौरान सड़कों की खोदाई से ऊब चुके शहर के लोगों को एक बार फिर इसका सामना करना पड़ रहा है। इस बार स्मार्ट सिटी के तहत शहर की 15 सड़कों के सौंदर्यीकरण के नाम पर खोदाई शुरू कर दी गई है। पिछले दो माह से खोदी गई इन सड़कों के मरम्मत का काम काफी धीमी गति से चल रहा है, जिससे स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। दिनभर चलने वाली तेज हवाओं से सड़क की मिट्टी की उनकी घरों और दुकानों में पहुंच रही है। साथ ही गड्ढों गिरने का खतरा भी दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।

इन सड़कों का हो रहा सौंदर्यीकरण

- नवाब युसुफ रोड से पीडी टंडन रोड तक क्लाइव रोड

- नवाब युसुफ रोड से पीडी टंडन रोड स्ट्रैची रोड

- नवाब युसुफ रोड से थार्नहिल रोड तक कूपर रोड

- पोलो ग्राउंड क्रासिंग से कमला नेहरू रोड के बीच ताशकंद रोड

- नवाब युसुफ रोड से म्योर रोड के बीच डॉ। लोहिया मार्ग

- पुरुषोत्तम दउास टंडन रोड से कस्तूरबा गांधी रोड तेज बहादुर सपू्र मार्ग

- स्टैनली रोड से मास्टर जहरूल हसन रोड के बीच बाबू विंधेश्वरी रोड

- कचेहरी रोड से सुभाष नगर रोड के बीच ममफोर्डगंज रोड

- हिंदू हास्टल चौराहे से मनमोहन पार्क चौराहे के बीच कमला नेहरू रोड पार्ट 1

- लक्ष्मी टाकीज चौराहे से विवि रोड चौराहे के बीच शोभनाथ सिंह रोड

- स्टैनली रोड क्रासिंग से कचहरी रोड क्रासिंग के बीच मिशन रोड

- मनमोहन पार्क क्रासिंग से शोभनाथ सिंह रोड क्रासिंग के बीच कटरा पार्ट 2

- बालसन चौराह से चर्च लेन चौराहे होते हुए बक्शी बांध तक हाशिमपुर रोड

- महात्मा गांधी मार्ग से थार्नहिल रोड तक पन्ना लाल रोड

जनवरी से शुरू, नवंबर तक खत्म

इन सड़कों पर सौंदर्यीकरण का काम जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो चुका है। इन सड़कों को खोदकर छोड़ दिया गया है। पीडीए द्वारा स्मार्ट सिटी के तहत इस कार्य को कराया जा रहा है। यह खोदाई सड़क के दोनों ओर की जा रही है। ठेकेदारों का कहना है कि नवंबर से पहले यह काम खत्म नहीं होंगे।

अभी बन रही नाली, फिर बाकी काम

इन सडुकों पर फिलहाल दोनों ओर अंडर ग्राउंड नाला बनाने का काम चल रहा है। यह पूरी तरह से सील होगा। सीमेंट के चैंबर के भीतर घरों का पानी बहेगा। इसके बाद डिवाइडर और फुटपाथ बनाने का काम किया जाएगा। किनारे के बाद यह सड़कें बीचों बीच खोदी जानी हैं। इससे लाखों लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

घरों में घुस रही धूल

सड़कों की खोदाई से सबसे ज्यादा दुकानदार और निवासियों को दिक्कत आ रही है। उनका कहना है कि यह कार्य सिस्टमेटिक तरीके से किया जाना चाहिए। सौ से दो सौ मीटर की दूरी पर खोदकर काम किया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक साथ पूरी सड़कों को खोद दिया गया। अब धीरे- धीरे काम चल रहा है। ऐसे में तेज हवा चलने से धूल घरों और दुकानों में घुस रही है। दरवाजा और खिड़कियों को बंद रखना पड़ता है।

कईयों का ठीक नहीं हो रहा जुकाम

धूल उड़ने से बहुत से लोगों का जुकाम ठीक नहीं हो रहा है। ममफोर्डगंज निवासी दिलजीत और करन ने बताया कि पिछले 15 दिन से उनको जुकाम हुआ है। मार्निग में ही धूल सांस के जरिए अंदर जाने लगती है और देर शाम तक यही क्रम चलता है। कई बार तो धूल आंखों में जाती है जिससे धुंधला दिखता है।

जब देखो तब शहर को खोद दिया जाता है। कभी स्मार्ट सिटी तो कभी मेले के नाम पर खोदाई शुरू हो जाती है। हर बार कोई नया प्लान लाकर पब्लिक को परेशान कर दिया जाता है। इससे व्यापारियों का काफी नुकसान हो रहा है।

आकाश शर्मा, व्यापारी

प्रशासन को उचित प्लान बनाकर विकास कार्य करना चाहिए। अगर किसी जगह पर खोदाई होनी है तो यह भी सोचना चाहिए कि इससे पब्लिक का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। लोगों को सांस की बीमारी हो सकती है।

अजय अग्रवाल, व्यापारी

अंधेरे में सड़कों के गड्ढे दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। अगर आप चूक गए तो हाथ-पैर टूट सकते हैं। आए दिन लोगों को इन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सभी का इधर से आना जाना होता है।

हेमंत मिश्रा, सरकारी कर्मचारी

शहर में एक साथ इतनी सड़कों का विकास हो रहा है कि जिधर देखो धूल अैार गड्ढे नजर आ रहे हैं। सरकार चाहे तो एक-एक करके विकास कर सकती है। इस तरह से पूरे शहर को खोद देने से दिक्कत पेश आ रही है।

आशीष तिवारी, प्रोफेशनल

स्मार्ट सिटी के तहत सड़कों का सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है। यह जनवरी में शुरू हुआ है और इसे पूरा होने में समय लगेगा। थोड़ी दिक्कत तो होगी ही। हमारी ओर से तेजी से काम कराने की कोशिश चल रही है।

रोहित खन्ना, अधीक्षक अभियंता, पीडीए