प्रयागराज (ब्यूरो)। स्वास्थ्य विभाग के एनसीडी सेल की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत अब तक 7 हजार लोगों को जगह जगह कैंप लगाकर चिंहित किया गया है। यह वह लोग हैं जिनका ब्लड प्रेशर अन कंट्रोल्ड है और इनकी दवाएं शुरू की गई है। शुरुआत में इनका बीपी हाई था और यह कई तरह की दिक्कतों से गुजर रहे थे। लेकिन रेगुलर दवाएं और नियमित दिनचर्या करने के बाद दस फीसदी के बीपी में तीन माह के भी सुधार हो गया है। अब यह लोग हेल्दी लाइफ स्टाइल का पालन कर रहे हैं।

ऐसे कंट्रोल हुआ बीपी

- नियमित दवाओं का सेवन किया गया।

- रेगुलर चेकअप और काउंसिलिंग।

- भोजन में तला भुना और मसालेदार से परहेज।

- शराब और धूम्रपान से दूरी बनाई गई।

- मार्निंग वाकॅ और प्रॉपर एक्सरसाइज।

35 फीसदी हो गई है संख्या

तीन माह पहले 25 फीसदी लोगों को ब्लड प्रेशर अन कंट्रोल्ड था और अब यह बढ़कर 35 फीसदी हो गया है। इसे स्वास्थ्य विभाग एचीवमेंट मान रहा है, क्योंकि बीपी कंट्रोल करना आसान नही होता है। एक बार सेहत पटरी से उतरने के बाद उसे वापस कंट्रोल करने में खासी मशक्कत करनी पड़ती है। आईसीएमआर काउंसलर राजेश कुमार बताते हैं कि जिले में 19 फीसदी अभी भी ऐसे मरीज हैं जिनका बीपी अन कंट्रोल्ड बना हुआ है। इनकी काउंसिलिंग और इलाज जारी है।

46 फीसदी की तलाश जारी

बावजूद इसके 46 फीसदी ऐसे मरीज हैं जिनका बीपी अन कंट्रोल्ड था और इसके बाद वह लौटकर नहीं आए। इनकी तलाश जारी है। माना जा रहा है कि इनमें से कई मरीज प्राइवेट अस्पतालों में चले गए हैं और कुछ ने दवाएं लेना शुरू नही किया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि फालोअप मिलने से इन मरीजों का हालचाल मिलता रहता है। वहीं नए बीपी मरीजों की तलाश की जा रही है।

लोगों में ब्लड प्रेशर को लेकर जागरुकता फैल रही है। दस फीसदी ने इसे कंट्रोल कर लिया है। बाकी भी खुद को फिट करने में लगे हैं। जो लोग मिसिंग हैं उनसे अपील है कि वह अस्पताल आकर बीपी की दवाएं जरूर लें।

डॉ। आरसी पांडेय, एसीएमओ व नोडल एनसीडी सेल प्रयागराज