प्रयागराज (ब्यूरो)। संसद में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किए गए बजट की कुछ लोग तारीफ कर रहे तो कुछ असंतुष्ट दिखाई दिए। इन सबके बीच अर्थशास्त्र के विशेषज्ञों द्वारा इस बजट की सराहना की गई। वहीं जिले के कुछ व्यापारी इस बजट से बहुत खुश नहीं हैं। जीएसटी को लेकर कोई घोषणा नहीं किए जाने से शहर के ज्यादातर व्यापारियों में मायूसी रही। इन सबस के बीच इसे मिला-जुला बजट करार दे रहे हैं।
बढ़ेंगी रोजगार की संभावनाएं
अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ डॉ। गरिमा मौर्य कहती हैं कि यह बजट विकसित भारत की तरफ उठाया गया एक बेहतर कदम है। बजट 2024-2025 में नौ प्राथमिकताओं पर बल दिया गया है। जिसमें कृषि उत्पादकता में वृद्धि, युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास तथा समावेशी मानव संसाधन के विकास एवं सामाजिक न्याय व विनिर्माण के क्षेत्र में संवृद्धि के साथ अगली पीढ़ी के सुधार जैसे मर्म निहित है। यह बजट पालुलिस्ट यानी दिखावे के बजाय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है। बजट में युवाओं को व महिलाओं एवं किसानों का विशेष ध्यान दिया गया है। अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर का प्राविधान सराहनीय कदम है। साथ ही चार करोड़ युवाओं को कौशल प्रदान किया जाएगा। अर्थशास्त्री कहते हैं कि मुद्रा ऋण की राशि दस से बीस लाख किए जाने से स्वरोजगार के अवसर सृजित होंगे। महिलाओं व युवतियों के लिए तीन लाख करोड़ का आवंटन उनके भविष्य को संवारने में मदद करेगा। उनकी नजर में यह बजट देश व समाज हित में लाभ देने वाला है। वहीं कुछ सीए का मानना है कि इस बजट से व्यापारियों का बहुत हित होने वाला नहीं है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी
पेश किए गए बजट से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। यह बजट दिखावे से दूर हकीकत के काफी करीब रखा गया है। इसका लाभ हर वर्ग के लोगों को मिलेगा। फिर वह छात्र हों या किसान अथवा व्यापारी और महिलाएं। बजट पर गौर किया जाय तो इससे रोजगार सृजन की संभावनाओं में भी बढ़ोत्तरी होगी। नए लोग रोजगार से जुड़ सकेंगे।
डॉ। गरिमा मौर्य, असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थशास्त्र विभाग इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
संसद में में पेश किए गए बजट से व्यापारियों को बहुत राहत की उम्मीद नहीं है। टैक्स स्लैब बदले गए हैं मगर उससे भी बहुत लाभ नहीं है। स्टैंडर्ड डिडक्शन पर और ध्यान देने की जरूरत थी। इससे न तो किसी को बहुत नुकसान हुआ है और न ही फायदा।
नितिन मेहरोत्रा, पूर्व अध्यक्ष आईसीएआई
वित्त मंत्री ने महिला होने के नाते बजट में महिलाओं का ध्यान रखा है। सोने पर सीमा कर में छूट से ज्वैलरी के खरीदारों खासकर महिलाओं को थोड़ी ही सही राहत मिलेगी। इस बजट में सभी को कुछ न कुछ देने की कोशिश की गई है।
भारतीय लक्ष्कार, सीए
यह बजट देशवासियों की आकांक्षाओं के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने वाला है। चतुर्दिक विकास पर केंद्रित सर्वसमावेशी एवं सर्वलक्षित बजट है। इस बजट से युवाओं व महिलाओं, किसानों व व्यापारियों को बड़ा लाभ मिलेगा।
नन्दगोपाल गुप्ता नंदी, कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार
छोटे व्यापारियों के लिए बजट में प्रत्यक्ष रूप से कोई राहत नहीं है। जीएसटी को लेकर व्यापारियों को उम्मीद थी कि सरकार बड़ी घोषणा करेगी, पर ऐसा नहीं हुआ। इनकम टैक्स की नई व्यवस्था से लोगों की जेब में पैसे होंगे और खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी। इससे उत्पाद में वृद्धि होगी।
महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष कैट
सोने पर सीमा टैक्स को घटाकर दस से छह प्रतिशत कर दिया गया है। इसे पब्लिक को कोई राहत नहीं मिलेगी। जीएसटी में सुधार की जरूरत थी, जो नहीं किया गया। इस बजट से आम पब्लिक को कोई बड़ा लाभ नहीं होगा। बजट की वजह से मंगलवार को सोने व चांद का रेट देर शाम तक जारी नहीं हुआ।
दिनेश सिंह, जिलाध्यक्ष प्रयागराज ज्वैलर्स एसोसिएशन
इस बजट में सरकार के द्वारा सभी को खुश करने की कोशिश की गई है। सर्राफा कारोबारी को कस्टम ड्यूटी चार प्रतिशत घटाने से इस व्यापार में थोड़ा सुधार की गुंजाइस बनी है। वहीं शेयर्स पर कैपिटल गेन लांग टर्म में दस की जगह 15 व शार्ट टर्म 15 से 20 प्रतिशत की दर से टैक्स प्रस्तावित है। ऐसे में शेयर के कारोबार में निवेशकों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
अनूप वर्मा, जिलाध्यक्ष महानगर उद्योग व्यापार मंडल
इस बार के बजट से इलेक्ट्रानिक आइटम जैसे लैपटॉप, मोबाइल के सस्ते होंगे। इसका लाभ छात्रों व युवाओं के साथ हर व्यक्ति को मिलेगा। बजट में रोजगार से लेकर किसानों का भी पूरा ध्यान रखा गया है। व्यापारिक दृष्टि से छोटे व्यापारियों को बहुत लाभ नहीं होगा। यह बजट मिला जुला ही है।
अभिषेक केसरवानी, व्यापारी चौक
वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट वरिष्ठ नागरिकों पेंशनर्स के लिए निराशा जनक है। वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में 2020 से रोकी गई छूट शुरू नहीं की गई। पुरानी पेंशन लागू करने या राष्ट्रीय पेंशन योजना में सुधार तक नहीं किया गया। शिक्षा एवं चिकित्सा की ओर जरूरत से कम ध्यान दिया गया। सिर्पु आयकर में मामूली राहत दी गई है। यह स्पष्ट नहीं है कि आवंटित धन से क्या कार्य किए जाएंगे।
आरएस वर्मा, रिटायर्ड आईएएस अध्यक्ष गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन
भारत सरकार के आम बजट में कैंसर रोगी की महत्वपूर्ण दवा व एक्सरे फिल्म में कस्टम ड्यूटी को कम करने तथा उच्च शिक्षा के लिए लोन की राशि का बजट में प्रावधान सराहनीय कदम है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री निर्मला सीता रमन को बधाई देता हूं। बजट में हर वर्ग व व्यक्ति का ध्यान रखा गया है।
पवन कुमार गुप्ता 'समीरÓ समाजसेवी दवा कारोबारी