प्रयागराज ब्यूरो । नियमानुसार कोरोना का संक्रमण 14 दिन तक मरीज के भीतर रहता है। इस बीच वह किसी को भी संक्रमण दे सकता है। अगर इस समयावधि में कोई भी संक्रमण सामने नही आता तो मान लिया जाता है कि जिले में एक भी कोरोना का केस बचा नहीं है। उसको जड़ से खत्म किया जा चुका है।
इस तरह कोरोना मुक्त हुआ शहर
वर्ष 2020 मार्च में जिले में कोरोना की वजह से लॉक डाउन लगाया गया था। तब से लेकर अब तक लगातार कोरोना संक्रमित सामने आ रहे थे। लेकिन 27 नवंबर के बाद से लगातार शून्य केसेज आ रहे हैं। 11 दिसंबर को इस सिलसिले को 14 दिन पूरे हो गए हैं।
181 लोगों की जान ले चुका है कोरोना
वैसे तो जिले में कोरोना संक्रमण से हजारों लोगों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा मौतें वर्ष 2021 में अप्रैल और मई माह में हुई थीं। लेकिन सरकारी आंकड़ों पर जाएं तो कोरोना से कुल 181 मौतें ही अब तक हुई हैं। वहीं अब तक 90007 कोरोना संक्रमित सामने आ चुके हैं और इसमें 88763 ठीक हो चुके हैं। 1063 मरीजों को पोर्टल के जरिए दूसरे जिलों में ट्रांसफर किया जा चुका है। यह केस प्रयागराज के नही थे। यह भी बता दें कि जिले में वर्तमान में कोरोना का एक भी एक्टिव केस भी नही बचा है। बता दें छह मई 2020 को लूकरगंज निवासी इंजीनियर की हुई थी मौत। छह दिन तक कोटवा में भर्ती थी हालत गंभीर होने पर एसआरएन में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

माघ मेले को लेकर निश्चिंत हुआ स्वास्थ्य विभाग
वहीं स्वास्थ्य विभाग माघ मेले को लेकर संतुष्ट हो गय ाहै। अधिकारियों का कहना है िक जिले में एक भी कोरोना संक्रमित नही बचा है। ऐसे में मेले का आयोजन कोरोना से बेखौफ होकर किया जा सकता है। बता दें कि पिछले दो सालों में मेले में कोरोना को लेकर भारी भरकम गाइड लाइन का पालन कराया गया था। लेकिन इस बार इसकी जरूरत नही होगी। मेला भी कोरोना के भय से मुक्त होगा।

यह खुशी की बात है कि पिछले चौदह दिन में जिले में एक भी कोरोना संक्रमित नही मिला है। गाइड लाइन के मुताबिक प्रयागराज पूर्णतया कोरोना मुक्त हो चुका है। मेले की तैयारियों में भी इसका लाभ मिलेगा। श्रद्धालु कोरोना मुक्त होकर मेले में आ सकेंगे।
डॉ। नानक सरन, सीएमओ प्रयागराज

लापरवाही में हुआ था डीएम का ट्रांसफर
कोरोना संक्रमण के दौरान 2021 में गंगा किनारे लाशों को दफन करने के मामले में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन डीएम भानु चंद्र गोस्वामी का ट्रांसफर किया गया था। 2021 अप्रैल-मई में कोरोना के पीक के चलते जिले में अत्यधिक मौतें हुई थी। जिसके चलते लोगों ने फाफामऊ कछार में शवों को दफन कर दिया था। जब शासन ने इस मामले को संज्ञान में लिया तो मामले की छानबीन की गई। परिणामस्वरूप तत्कालीन डीएम भानुचंद्र गोस्वामी को स्थानांतरित कर दिया गया।