संगीत संध्या 'बहार से बहार तक' का हुआ शानदार आयोजन
प्रयाग संगीत समिति में गीतों की प्रस्तुति पर झूमे श्रोता
ALLAHABAD: प्रयाग संगीत समिति का सभागार रविवार को गीत- संगीत से सराबोर हो गया। संस्था अनहद की ओर से आयोजित संगीत संध्या 'बहार से बहार तक' में डॉक्टरों और अन्य विशिष्ट लोगों ने भी एक से बढ़कर एक गीतों की प्रस्तुति दी। समारोह का शुभारंभ हाईकोर्ट के जस्टिस एमसी त्रिपाठी ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
गीतों को सुनकर झूम उठे श्रोता
समारोह की शुरुआत पुष्पा शुक्ला ने 'सत्यम शिवम सुंदरम' गीत से की। उसके बाद डॉ। डीएन शुक्ल व पुष्पा शुक्ला ने जुगलबंदी में 'देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले', 'एक प्यार का नगमा है', 'कोई बता दे दिल है जहां', 'तुझे प्यार करते हैं' और 'ऐ दिले नादान' जैसे गीतों की मनमोहक प्रस्तुति देकर लोगों को तालियां बजाने पर विवश कर दिया। डॉ। सुबोध जैन ने 'रूप तेरा मस्ताना' की प्रस्तुति से समां बांध दिया। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृति केन्द्र के पूर्व निदेशक गौरव कृष्ण बंसल की 'माना हो तुम बेहद हसीं' और 'जाने कहां गए वो दिन' प्रस्तुति पर श्रोता झूम उठे। डॉ। शरद वर्मा ने 'कई बार यूं ही देखा है' प्रस्तुति की। डॉ। पीयूष टंडन ने 'चला जाता हूं' गीत के जरिए श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ। एसपी मिश्रा ने 'लाखों हैं निगाहों में' की प्रस्तुति दी। संचालन डॉ। निधि शुक्ला ने किया।