पैंट्री कार वेंडर के पास नहीं दिख रही पीओएस मशीन, ट्रेनों में अब भी हो रही है ओवर चार्जिग
आईआरसीटीसी ने हर जोन को एक ट्रेन में दस पीओएस मशीन की व्यवस्था का दिया है निर्देश
ALLAHABAD: ट्रेनों में ओवर चार्जिग पूरी तरह बंद करने के उद्देश्य से आईआरसीटीसी ने सभी लाइसेंसी एजेंसियों को पीओएस मशीन से बिलिंग के साथ ही पेमेंट का आदेश दिया है। लेकिन इस आदेश का पालन अभी भी ट्रेनों में नहीं दिख रहा है।
हमने किया रियलिटी चेक
आईआरसीटीसी के आदेश का पालन हो रहा है या नहीं? ट्रेनों में पैसेंजर्स को पीओएस मशीन से बिल दिया जा रहा है या नहीं? स्वैपिंग से आनलाइन पेमेंट लिया जा रहा है या नहीं? यह जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने इलाहाबाद जंक्शन से गुजरने वाली ट्रेनों में रियलिटी चेक की।
80 रुपये में अंडा चावल
मुजफ्फरपुर से लोकमान्य तिलक टर्मिनल पवन एक्सप्रेस दोपहर करीब 12.30 बजे इलाहाबाद जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर आठ पर पहुंची। ट्रेन रुकते ही रिपोर्टर पवन एक्सप्रेस के पैंट्री कार में पहुंच गया, वहां खाना लेने वालों की लाइन लगी थी। एक प्लेट अंडा चावल 80 रुपये में बेचा जा रहा था। कैश लेकर पैसेंजर्स को फूड दिया जा रहा था, लेकिन किसी को बिल नहीं दिया गया। काउंटर के साथ ही ट्रेन के किसी भी वेंडर के पास पीओएस मशीन नहीं दिखी।
थोड़ी देर खड़े रहने के बाद रिपोर्टर ने पैंट्रीकार मैनेजर से पूछा, पीओएस मशीन नहीं है क्या?
मैनेजर- कौन सी मशीन?
रिपोर्टर- पीओएस मशीन, जिससे स्वैप कर पेमेंट के साथ ही बिल भी कस्टमर को मिलता है।
मैनेजर- नहीं भाई साहब, हम लोगों के पास कोई मशीन-वशीन नहीं है।
रिपोर्टर- तो क्या बिना बिल के ही फूड दे रहे हो?
मैनेजर- आपको बिल चाहिए क्या? अगर चाहिए तो बिल मिल जाएगा।
रिपोर्टर- वो तो कच्चा बिल होगा। कम्प्यूटराईज बिल नहीं है क्या?
मैनेजर- अरे भाई साहब, ये पैंट्रीकार है कोई होटल थोड़े ही है।
नोट- बातचीत करने के बाद मैनेजर अपने काम में लग गया। 50 रुपये का भोजन 100 से 120 रुपये थाली खुलेआम बेचा जा रहा था।
ट्रेन में फूड का रेट मनमानी है। न तो कोई मेन्यू दिखाया जाता है और न ही बिल दिया जाता है। वेंडर जो भी रेट बताता है, उसी रेट पर भुगतान करना पड़ता है।
अनवारुल
भीषण गर्मी में सफर के दौरान जब भूख लगती है तो रेट चार्ट दिखाई नहीं देता है। बस केवल भोजन नजर आता है। वेंडर जो भी रेट बताता है, उसे देना पड़ता है।
कमल