- पहले फेज का वैक्सीनेशन हुआ समाप्त, 15 फरवरी को होगा मॉपअप राउंड
स्वास्थ्य विभाग ने पहला फेज तो जैसे-तैसे पार कर लिया, लेकिन दूसरा फेज शुरू होने जा रहा है। हालांकि इस बार भी कोविन पोर्टल चैलेंज बनकर सामने उभरा है। शनिवार को एक बार फिर पोर्टल बंद रहा है। इसकी वजह से डाटा फीडिंग का काम रुका रहा। अब अधिकारियों के लिए दूसरे फेज की वैक्सीनेशन कराना पुन: चैलेंज बनता जा रहा है।
15 से शुरू होगा अभियान
शुक्रवार को फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन को खत्म कर दिया गया। इस फेज में 30260 लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमें हेल्थ वर्कर्स शामिल थे। इसमें से तीस फीसदी के आसपास लाभार्थी अभी छूटे हुए हैं जो केंद्रों पर वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचे थे। इसके बाद 15 फरवरी से दूसरे फेज का वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है। इसमें पुलिस-प्रशासन और आर्मी के 23160 लाभार्थियों को शामिल किया गया है। इनमें से 1379 लाभार्थियों को औपचारिक रूप से शुक्रवार को टीका लगाया गया है। लेकिन असली परीक्षा 15 फरवरी से होनी है।
तीन राउंड में लगाया जाएगा टीका
दूसरे फेज का टीकाकरण तीन राउंड में कराए जाने का आदेश सरकार ने दिया है। जिसमें तीन दिनों में 22 हजार लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जायेगी। लेकिन हालात इससे एकदम उलट हैं। पूरा वैक्सीनेशन कोविन पोर्टल के जरिए किया जा रहा है। लेकिन यह पोर्टल लगातार परेशान कर रहा है। इसकी वजह से पूरी वैक्सीनेशन प्लानिंग धड़ाम हो जा रही है। पोर्टल के धोखा देने से हजारों की संख्या में लाभार्थी वैक्सीनेशन केंद्र तक नहीं पहुंचे हैं।
पोर्टल की खराबी से होने वाली समस्या
- लाभार्थियों को वैक्सीनेशन के पहले नहीं पहुंच पाता है मैसेज।
- लाभार्थियों के नाम की ऑनलाइन फीडिंग हो जाती है डिस्टर्ब।
- वैक्सीनेट हो चुके और छूटे हुए लाभार्थियों के बीच अंतर नहीं पता चल पाता।
- साइट्स और सेशन की संख्या में भी गड़बड़ी होने लगती है।
तत्काल टीकाकरण की सुविधा
जो लोग पहले फेज में छूट गए हैं उनके तत्काल टीकाकरण की सुविधा भी दी जा रही है। इन लोगों को 15 फरवरी को नजदीकी टीकाकरण केंद्र में पहुंचकर अपना नाम सूची में दर्ज कराना होगा। इसके बाद इनको वही पर वैक्सीन लगा दी जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि पोर्टल में खराबी आने के बावजूद टीकाकरण में कोई समस्या न आए।
पोर्टल की खराबी से शुरुआत से हम लोग परेशान हो रहे हैं। इससे राउंड में सेशन और लाभार्थियों की संख्या में भी दिक्कत आई है। साथ ही हमलोगों को दोगुनी मेहनत भी करनी पड़ी। उम्मीद है कि भविष्य में कोविन पोर्टल बेहतर तरीके से काम करेगा।
डॉ। राहुल सिंह, डिप्टी डीआईओ, प्रयागराज