दस सालों में छह लाख से अधिक बढ़ गई जिले की आबादी

अधिकांश लोग हैं बीपी और शुगर की चपेट में

इस साल सेंसेस 2021 कराया जाना है। इसकी तैयारियां चल रही हैं। लेकिन क्या आपका पता है कि जिले में दस साल पहले 2011 सेंसेस के बाद अब तक 6 लाख पापुलेशन में ग्रोथ दर्ज की गई है। तब से अब तक केवल जनसंख्या ही नहीं बढ़ी है, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी घातक बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जनसंख्या बढ़ने के साथ अगर मरीजों की संख्या घटे तो इसे कामयाबी की श्रेणी में रखा जाएगा। जिसकी कोशिश जारी है।

एक लाख से अधिक बढ़ गए मरीज

1. 2011 में ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या जिले में 372298 थी जो वर्तमान में बढ़कर 488500 हो गई।

2. इस तरह से एक लाख से अधिक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मरीजों की संख्या बढ़ना चिंता का विषय है।

3. अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो दिक्कत पैदा हो सकती है। हालांकि पिछले दस सालों में मरीजों का प्रतिशत 17 फीसदी ही रहा।

डायबिटीज रोगियों की भी संख्या बढ़ी

इसी तरह दस साल के अंतराल में प्रयागराज में शुगर के मरीजों की संख्या बढ़ी है। 2011 में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 24000 दर्ज की गई थी जो इस समय बढ़कर 144300 हो गई है। तब इस बीमारी का प्रतिशत 4 फीसदी था जो अब 6 हो गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों की लाइफ स्टाइल इसके लिए जिम्मेदार है। हालांकि यह बीमारी आनुवांशिक भी है और पैरेंट्स से बच्चों में आसानी से ट्रांसफर हो जाती है।

कम नहीं हुए तंबाकू के मरीज

जनसंख्या बढ़ने के साथ जिले में तंबाकू का सेवन भी बढ़ा है। 2011 में कुल जनसंख्या का 49 फीसदी पुरुष और 20 फीसदी महिलाएं तंबाकू की चपेट में थीं। दस साल बाद 2021 में 42 फीसदी पुरुष और 14 फीसदी महिलाएं तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इस संख्या में गिरावट तो आई है लेकिन बीमारियों का ग्राफ बढ़ गया है। सबसे ज्यादा ग्राफ गले, फुेफड़े और मुंह के कैंसर का बढ़ा है।

किस तरह से जनसंख्या डाल रही असर

बीमारियों का ग्राफ बढ़ने के पीछे जनसंख्या वृद्धि एक बड़ा कारण है। एक्सपटर््स का कहना है कि अधिक जनसंख्या होने से सीमित संसाधन सभी को उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। अच्छी पढ़ाई और समय पर नौकरी नही मिलने से लोगों को मानसिक परेशानी होती है और इससे बीपी और शुगर जैसी बमारियों का जन्म होता है। अधिक तनाव भरी लाइफ जीने से ऐसी बीमारियों का ग्राफ तेजी से बढ़ता है। बता दें कि प्रयागराज यूपी का सबसे बड़ा आबादी वाला जिला है।

जनसंख्या बढ़ने का असर सभी जगहों पर पड़ता है। फिर अगर बीमारियों का ग्राफ बढ़ रहा है तो इस पर रोक लगानी जरूरी है। लोगों को जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने की कोशिश करनी चाहिए।

राजेश कुमार, प्रोजेक्ट टेक्निकल असिस्टेंट, आईसीएमआर एनआईई चेन्नई

एनसीडी सेल की ओर से कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हम लोगों को लाइफ स्टाइल बीमारियों से बचाने के लिए उनको बेहतर रहन सहन के बारे में भी बता रहे हैं। यह तभी संभव है जब जनसंख्या का ग्राफ कम हो। लोग अब फैमिली प्लानिंग को लेकर जागरुक हो रहे हैं।

डॉ। वीके मिश्रा, एसीएमओ व नोडल एनसीडी सेल स्वास्थ्य विभाग, प्रयागराज