फैक्ट फाइल
20 हैं जिले में कुल ब्लॉक
1637 हैं ग्राम पंचायतें
89489 कुल हैंडपंप की संख्या
7058 कुल खराब हैंडपंप
3441 हैंडपंप की हुई मरम्मत
3617 हैंडपंप की होनी है मरम्मत
गर्मियों में हैंडपंप की स्थिति खराब, अभी तक नहीं बने हजारों हैंडपंप
सरकारी नीतियों के आगे मनमाने हो गए प्रधान, पैसे का कर रहे दुरुपयोग
ALLAHABAD: ग्रामीण एरिया में हजारों की संख्या में हैंडपंप खराब हो चुके हैं। इनको पहले ही बनवा दिया जाना चाहिए था, लेकिन भीषण गर्मी शुरू होने के बावजूद ग्राम प्रधानों से इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजा, ग्रामीण प्यासे रहने को मजबूर हैं और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। हालांकि, अब प्रशासन इन प्रधानों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की तैयारी में लग गया है।
खा गए पैसा, कौन कराएगा रिबोर
सरकार की नई नीति के मुताबिक ग्राम प्रधान ही खराब हैंडपंप को रिबोर कराएंगे। उनके खाते में पैसा भी चला गया लेकिन उन्होंने इसका दुरुपयोग कर लिया। कई जगह पैसा खाते से निकाला ही नहीं गया। इसकी वजह से मई आ जाने के बावजूद हैंडपंप की मरम्मत नहीं हो सकी। जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की तो मामला सामने आया। बता दें कि जिले में 89489 हैंडपंप हैं और इनमें से 7058 रिबोर कराने लायक हैं। इनमें से 3441 ठीक हो चुके हैं और 3617 खराब पड़े हैं।
बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना मजबूरी
सबसे ज्यादा खराब हालत यमुनापार के गांवों की है। यहां की पथरीली जमीनों में लगे हैंडपंप फरवरी महीने में ही पानी छोड़ चुके हैं। ऊपर से प्रधानों ने घोटाला कर मरम्मत की राशि का वारा-न्यारा कर दिया है। इनमें से मांडा, कोरांव और शंकरगढ़ आदि ब्लॉकों में हजारों की संख्या में हैंडपंप सूख गए हैं। यहां पर प्रधानों ने अभी तक सुधि नहीं ली है। यह भी कहा जा रहा है कि पथरीली जमीन पर मरम्मत की कॉस्ट अधिक आ जाने से भी प्रधान मरम्मत की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
पहले होगा चिन्हीकरण, फिर कार्रवाई
देर-सबेर प्रशासन की आंख खुल गई है। संबंधित विभाग ने ऐसे प्रधानों की सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। ग्राम पंचायतों का चिन्हीकरण प्रधानों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जिन गांव में प्रधानों ने पैसे का घोटाला किया होगा वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नही, जहां पर हैंडपंप की मरम्मत आसान नही है। वहां पर प्रधानों को पानी के टैंकर क्रय करने के आदेश भी दिए गए हैं। इस संबंध में लगातार प्रशासनिक अधिकारी गांव-गांव सर्वे कराने जा रहे हैं।
प्रधानों की मनमानी से यह स्थिति पैदा हुई है। गर्मी अपने चरम पर है और तीन हजार से अधिक हैंडपंप खराब पड़े हैं। ऐसे में गांव के गांव प्यासे रह जाएंगे। हमने एडीओ की मीटिंग बुलाकर गांवों की सूची तलब कर ली है। इसके बाद कार्रवाई होगी।
-आरके मिश्रा, डीपीआरओ, इलाहाबाद