प्रयागराज (ब्‍यूरो)। महाकुंभ में संगम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गंगा नदी में पांटून पुल का निर्माण शुरू हो चुका है। श्रद्धालु इसी पुल से होकर गंगा पार करके मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। सभी पांटून पुल को कम्प्लीट करने के लिए 30 नवंबर की डेड लाइन फिक्स की गई है। पीडब्लूडी सीडी-4 द्वारा कराए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता अफसरों की नजर में होगी। क्योंकि महाकुंभ में आने वाले भीड़ की सुरक्षा को लेकर शीर्ष अफसर कोई चूक नहीं करना चाहते। इसलिए हर कदम अधिकारी फूक-फूक कर रहे हैं।

तीस नवंबर फिक्स है डेड लाइन
इस बार चार हजार हेक्टेयर में महाकुंभ बसाया जा रहा है। इसलिए मेला की बसावट सलोरी तक होने की पूरी उम्मीद है। आवागमन व ट्रैफिक कंट्रोल के लिए फाफामऊ पुल के पास भी पांटून पुल का निर्माण किया जाएगा। ऐसी स्थिति में मेला का जो विस्तारित क्षेत्र होगा वह फाफमऊ पुल तक माना जाएगा। इस लिए संगम से लेकर फाफामऊ पुल तक काम मेला की बसावट के हिसाब से प्रशासन काम कर रहा है। पूरे मेला क्षेत्र में गंगा नदी में कुल तीस पांटून पुल बनाया जाएगा। अफसरों की मानें तो वर्ष 2019 के कुंभ में 22 पांटून पुल बनाए गए थे। चूंकि इस बार महाकुंभ लग रहा और मेला का विस्तारित क्षेत्र भी बड़ा है, इसलिए 08 अतिरिक्त पांटून पुल बनाया जा रहा है। इस पांटून पुल को बनाने का काम सोमवार से शुरू हो गया है। जिसे सीडी फोर पीडब्लूडी द्वारा तीस नवंबर तक हर हाल में पूरा किया जाना है। प्रति पांटून पुल की भार क्षमता पांच टन निर्धारित की गई है।