प्रयागराज ब्यूरो । छह जनवरी को माघ मेला का पहला स्नान है। यहीं से मेले का आगाज हो जाएगा। लेकिन वर्तमान में गंगा के पानी लगातार प्रदूषण लेवल बढ़े होने की सूचना मिल रही है। पिछले दिनों गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा वर्तमान में नियमित पानी की जांच की जा रही है। संगम पर गंगा का बीओडी लेवल 2.7 मिलीग्राम प्रति लीटर और यमुना का बीओडी लेवल 2.8 मिलीग्राम प्रति लीटर है।

कहां-कहां गंदा है पानी

प्रशासन का दावा है कि बायो रेमेडियल ट्रीटमेंट के बाद ही नालों के पानी को गंगा में गिराया जा रहा है। लेकिन यह इसकी हकीकत पर सवालिया निशान उठ रहे हैं। इस समय झूंसी और नैनी समेत कई स्थानों पर चार दर्जन से अधिक नालों का पानी गंगा में गिराया जा रहा है। झूंसी, दारागंज और रसूलाबाद में गंगा के पानी का रंग काला बताया जा रहा है। लोगों की माने तो यह फिलहाल स्नान के योग्य नही है। हालांकि शुद्ध जल की मांग को लेकर अभी से साधु संतों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया है।

20 दिसंबर तक मिली थी डेडलाइन

पिछले दिनों प्रयागराज आए जल निगम ग्रामीण के एमडी बलकार सिंह ने 14 एमएलडी की फाफामऊ एसटीपी को 20 दिसंबर तक शुरू करने के निर्देश दिए थे। साथ ही 16 एमएलडी की झूंसी एसटीपी को भी जल्द चालू करने को कहा था। हालांकि अभी तक इस दिशा में सफलता नही मिल सकी है। उन्होंने गंगा की ओर आने वाले सभी नालों को हर हाल में 15 दिसंबर तक टैपिंग के निर्देश दिए थे जो अभी तक पूरा नही हुआ है। अगर यही हाल रहा तो इस बार भी माघ मेले में देशभर से आने वाले साधु-संतों और कल्पवासियों को गंगा के जल की निर्मल धारा नसीब नही हो सकेगी।

एक नजर में प्रयागराज का सीवेज ट्रीटमेंट

कुल उत्सर्जित होने वाला सीवेज- 470.84 एमएलडी

कुल सात सीवेज से होने वाला ट्रीटमेंट- 348.96 एमएलडी

नालों से गिरने वाला कुल सीवेज- 152.18 एमएलडी

सीवर नेटवर्क की गंदगी- 196.78 एमएलडी

अंडर कंस्ट्रक्शन चल रहे तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता- 72 एमएलडी

नैनी एसटीपी की क्षमता- 42

झूंसी एसटीपी की क्षमता- 16 एमएलडी

फाफामऊ एसटीपी की क्षमता- 14 एमएलडी