प्रयागराज ब्यूरो । कई सालों बाद एक बार फिर पोलियो ने म्यूटेंट 6 वायरस के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। इसकी पुष्टि शहर के गऊघाट के नाले के पानी की जांच में हुई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। हालंाकि, अधिकारियों का कहना है कि यह एक वैक्सीन वायरस है और इससे कोई खतरा नही है। बावजूद इसके इस वायरस की मौजूदगी घातक हो सकती है। अगर कोई बच्चा पोलियो के लक्षण वाला मिलता है तो इसका इलाज किया जाएगा।
कराई गई थी रैंडम सैंपलिंग
जानकारी के मुताबिक डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग ने पानी की रैंडम सैंपलिंग कराई थी। इसमें पोलियो के म्यूटेंट 6 वायरस की पुष्टि हुई है। यह रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के साथ शासन को भी भेजी गई है। बता दें कि रविवार से जिले में पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत हुई है। जिसके तहत 8.5 लाख बच्चों को पोलियो दवा की खुराक पिलाई जानी है। ऐसे में इस वायरस की पुष्टि होने से अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं।
चिंता मत करिए, ये है वैक्सीन वायरस
इस मामले में जब सीएमओ डॉ। आशु पांडेय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन वायरस है और इससे कोई खतरा नही है। म्यूटेंट 10 वायरस तक खतरे की बात नही है। यह वायरस व्यक्ति के मुंह के रास्ते शरीर में प्रवेश करते हैं। मलद्वार से बाहर निकल जाता है। यह सीवर के जरिए नाले में मिलते हैं, इसलिए नाले के पानी की सैंपलिंग की जाती है। जिससे इस वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हो सके।
बच्चों पर रखी जाएगी नजर
म्यूटेंट 6 वायरस की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी एलर्ट हो गया है। कहा गया है कि 15 साल तक का कोई ऐसा बच्चा आता है जो पिछले छह माह से पॉलिश या अचानक कमजोरी सहित शरीर के लुंज होने का शिकार है तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। जिससे इसकी जांच कराई जा सके।
8.5 लाख बच्चों को दी जाएगी डोज
रविवार से शुरू हुए अभियान में जिले के 8.5 लाख बच्चों को पल्स पोलियों की डोज दी जानी है। इसके लिए घर-घर अभियान चलाया जाएगा। रविवार को डफरिन अस्पताल में सीडीओ गौरव कुमार ने इस अभियान की शुरुआत की है। जिला इम्युनाइजेशन अधिकारी डॉ। तीरथ लाल ने बताया कि अभियान की सफलता के लिए 3397 बूथ बनाए गए हैं। साथ ही 2022 टीमों का गठन किया गया है। 10.63 लाख घरों तक पहुंच बनाने के लिए 60 टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा 57 ट्रांजिट टीमों का गठन किया गया है।
म्यूटेंट 6 वायरस साधारण है। इससे कोई खतरा नही है। यह वैक्सीन वायरस है। अगर 8 से 10 राउंड म्यूटेशन हो गया तो वैक्सीन वायरस बन जाता है। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नही है। अगर कोई मरीज आता है तो इसकी जांच की जाएगी।
डॉ। आशु पांडेय, सीएमओ प्रयागराज