ज्यादातर मुठभेड़ बदमाशों द्वारा वारदात को अंजाम देने की योजना बनाते समय हुई

योजना बनाने की धाराओं में गिरफ्तारी के प्राविधान न होना मानी जा रही मुठभेड़ की वजह

PRAYAGRAJ: नए वर्ष में बदमाशों से पुलिस का करीब छह बार सामना हुआ। पहुंचने पर बदमाश पुलिस पर फायरिंग किए। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली बदमाशों के पैर में लगी। घायल होने के बाद बदमाश पकड़ लिए गए। पुलिस विभाग में इस मुठभेड़ को 'हाफ' के नाम से भी जाना जाता है। जब भी यह मुठभेड़ हुई बदमाश लूट या चोरी की योजना बना रहे थे। महीनों पुलिस को इनके ठिकाने का पता नहीं चला, मगर योजना बनाने की सटीक खबर जरूर मिल गई। दरअसल इस हॉफ के पीछे एक बड़ा राज बताया जाता है। चूंकि बगैर माल बरामदगी के पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती। योजना बनाने का न तो पुलिस के पास कोई सुबूत होते हैं और न ही इस धारा में गिरफ्तारी के प्राविधान हैं।

धाराओं की धार पर एक नजर

लूट की बात उनके जरिए कबूल करने के बावजूद कोर्ट में साबित करना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर होता है। माल बरामदगी के बाद भी उन्हें जमानत मिलने के चांस अधिक होते हैं। क्रिमिनल अधिवक्ता कहते हैं कि मुठभेड़ के बाद बदमाश के विरुद्ध 307 यानी हत्या के प्रयास की धारा बढ़ जाती है। इस धारा में गिरफ्तारी के साथ दस साल तक के सजा का प्राविधान है। मुठभेड़ को कोर्ट में साबित करना भी पुलिस के लिए आसान होता है। अब तक पुलिस द्वारा बताई गई मुठभेड़ की कहानी में कई झोल हैं। अधिवक्ताओं की मानें तो योजना लूट की बनाने पर 393 व डकैती की योजना 399 की धारा लगती है। माल बरामद होने की दशा में इसी के साथ 511 की धारा बढ़ जाती है। फिर भी इन धाराओं में गिरफ्तारी के प्राविधान नहीं होते क्योंकि सजा सात साल से कम की है। मुजहमत यानी मुठभेड़ होने पर 307 की धारा बढ़ जाती है। इसके बढ़ते ही पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार मिल जाता है और जमानत भी आसानी से नहीं मिलती।

02 जनवरी

श्रृंगवेरपुर में मुठभेड़ हुई। बिजनौर के रईसुद्दीन को ललकारते ही वह पुलिस टीम पर फायरिंग झोंक दिया। जवाबी कार्रवाई में पैर में गोली लगने के बाद वह पकड़ा गया। बताया गया था कि वह लूट के इरादे से जा रहा था।

06 जनवरी

कौंधियारा में बदमाशों से पुलिस की मुजहमत हुई। अंतरराज्यीय बदमाश सलमान निवासी सोरांव जवाबी कार्रवाई में पकड़ा गया। पांव में गोली लगने के बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया। साथी भागने में सफल रहा।

07 जनवरी

नैनी पुल के पास कौंधियारा में पकड़े गए सलमान के साथी अशोक पासी के होने की खबर मिली। जैसा कि पुलिस द्वारा बताया गा कि मुठभेड़ में गोली लगने के बाद उसे दबोचा गया।

07 जनवरी

को ही देर रात धूमनगंज के प्रीतम नगर में सलमान को दौड़ाया गया तो वह पुलिस टीम पर फायरिंग कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से घायल होने के बाद वह भी पकड़ा गया।

31 जनवरी

रात धूमनगंज एरिया स्थित एक घर में चोरी की कोशिश कर रहे बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। यह मुठभेड़ उस वक्त हुई जब इंस्पेक्टर टीम के साथ गश्त कर रहे थे। बताया गया था कि चोरों पर नजर पड़ते ही वह टीम पर फायर झोंक दिए।

देखिए योजना बनाने की जो धाराएं हैं उसमें सात साल से कम की है। इस सजा में गिरफ्तारी के प्राविधान नहीं है। पकड़े जाने पर योजना बनाने की बात को साबित करना कोर्ट में मुश्किल है। यदि बदमाश पुलिस टीम पर फायरिंग करता है तो 307 की धारा बढ़ जाती है। इसमें गिरफ्तारी के दस साल कारावास की सजा के प्राविधान हैं।

गुलाबचंद्र अग्रहरि

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी