स्टेट्स पर अपलोड करते हैं असलहों की फोटोग्राफ, ह्वाट्सएप पर पूरी डील

मार्केटिंग के नए फंडे को पुलिस ने लिया संज्ञान, बिछाया जाल, चार फंसे

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डेवलप करने वालों ने स्टेटस कांसेप्ट इंट्रोड्यूज करते वक्त सपने में भी नहीं सोचा होगा कि इसका मिस यूज भी हो सकता है। इस फीचर को इंट्रोड्यूज इसलिए किया होगा कि यूजर की प्रोफाइल रिच हो। वह इसके जरिए अपने आपको बेहतर तरीके से प्रजेंट कर सके। ताकि सोशल मीडिया की पहचान भी स्ट्रांग बने। लेकिन, शातिर खिलाडि़यों ने इस प्लेटफॉर्म को भी हथियार के तौर पर यूज करना शुरू कर दिया। उन्होंने स्टेट्स पर असलहों का मॉडल अपलोड कर दिया और सेल के लिए मार्केट सजा दी। नतीजा बिजनेस फलने-फूलने लगा। न कांटैक्ट का कोई रिकॉर्ड और न ही कोई वॉयस रिकॉर्ड। हाईटेक तरीके से असलहों का सौदा शुरू हुआ तो पुलिस के कान खड़े हो गये। शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा किया तो सुनने वाले चौंक गये।

अपनी फोटोग्राफ लगाते हैं ज्यादातर

सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर स्टेटस फीचर आ चुका है। इस प्लेफॉर्म को सोशल मीडिया के ज्यादातर यूजर खुद की फोटो लगाने के रूप में यूज करते हैं। कुछ लोग इसे मार्केटिंग टूल के रूप में यूज करते हैं। इसके तहत वे स्टेटस पर डिजाइन और मॉडल अपलोड करते हैं। इससे उनका नंबर जितने लोगों के पास सेव होता है उन्हें सब दिखने लगता है। कुछ प्लेटफॉर्म पर यह सुविधा स्थायी है तो कुछ प्लेटफॉर्म पर 24 घंटे तक के लिए उपलब्ध होती है। इससे तेजी से ग्रो हो रहे नए मार्केट पर शातिरों की नजर पड़ गयी तो उन्होंने इस पर हथियारों को डिस्प्ले करना शुरू कर दिया। इसमें कटटा से लेकर नाइन एमएम की पिस्टल तक शामिल है। वे इस तैयारी में थे कि पूछने पर बता देंगे कि शौकिया डाल दिया है। दूसरी तरफ इसका फायदा उन्हें यह हुआ कि रीच बढ़ती चली गयी। मॉडल के साथ रीवर्ट मैसेज पर असलहे की डील शुरू हो गयी।

डिलेवरी के वक्त किए गए गिरफ्तार

कोरांव पुलिस ने इस बिजनेस फॉर्मूले पर काम कर रहे चार शातिरों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम हिमांशू सिंह पुत्र राजेश सिंह निवासी माण्डा खास, प्रदुम सिंह पुत्र सुरेंद्र प्रताप सिंह निवासी बरबसा थाना हलिया मीरजापुर, सूरज तिवारी पुत्र अखिलेश तिवारी निवासी हंडिया और सद्दाम पुत्र मुजीब निवासी भारतगंज थाना माण्डा हैं। इनके पास से पुलिस को चार तमंचे व एक किलो 100 ग्राम गांजा एवं चार कारतूस मिले हैं। एसपी यमुनापार के मुताबिक चारों सोशल मीडिया के जरिए असलहों की सप्लाई के बिजनेस में इनवाल्व थे। पूछताछ में इन्होंने पुलिस को बताया कि तमंचे के साथ वह खुद की तस्वीर सोशल मीडिया पर अपनी आईडी के स्टेटस पर लगाते थे। गन के साथ स्टेटस लगाने के बाद वह दहशत भरे डॉयलाग भी लिखा करते थे। तमंचे के साथ इनके स्टेटस को देखकर खरीदार युवा मोल भाव किया करते थे। गन पसंद आने अैर रेट फिक्स होने के बाद सौदागर उन्हें मिलने के बाद स्थान बताते थे।

लास्ट ऑवर में बताते थे डिलीवरी स्पॉट

खास बात यह भी है कि ये सभी पुलिस की नजरों से बचने के लिए डिलीवरी स्पॉट भी खुद तय करते थे। ये काम रेट फिक्ट होने के बाद एडवांस एमाउंट भुगतान के बाद किया जाता था। इस बार इन लोगों ने डिलीवरी स्पॉट कोरांव के भोगन नदी कछार को तय किया था। संयोग से पुलिस को इसकी भनक लग गयी और टीम ने छापा मार दिया। इससे वे गिरफ्त में आ गये।

मास्टर माइंड है हिमांशू

पुलिस द्वारा बताया गया कि पूछताछ में इनके द्वारा इस हाईटेक मार्केटिंग के बारे में पूरी जानकारी दी गई।

बताया गया कि हिमांशू सिंह इस केस का मास्टर माइंड है, शेष तीन उसके इशारे पर काम करते थे

हिमांशू असलहे लाकर खुद के साथ उन तीनों को भी देता था और फोटो खिंचवा कर स्टेटस पर लगा देता था

सौदा तय होने के बाद डिलेवरी के लिए चारों एक साथ जाया करते थे, प्राप्त रुपयों को आपस में बांट लिया करते थे

एक तमंचे की कीमत वे उसके छोटे बड़े आकार और डिजाइन के आधार पर तय किया करते थे

स्टेटस पर भी अब पुलिस की नजर

इस केस के खुलासे के बाद एसपी यमुनापार ने दो जवानों को सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए लगा दिया है। निर्देश दिए हैं कि ऐसे लोगों को वे चिन्हित कर उनके मैसेज आदि की चेकिंग करें। संदिग्ध मैसेज या स्टेटस दिखते ही खबर दें। इनके द्वारा जिसके भी स्टेटस या मैसेज की खर दी जाएगी उसकी बाकायदे एसपी यमुनापार जांच करवाएंगे।

नए तरीके का केस सामने आया है। अब सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें व स्टेटस पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके भी मैसेज या स्टेटस अथवा पोस्ट की गई तस्वीरें संदिग्ध मिलेंगी उनकी बाकायदे जांच कराई जाएगी।

सौरभ दीक्षित

एसपी यमुनापार