बहू ही निकली ससुर के कत्ल की मास्टर माइंड, दो लाख में किया था हत्या का सौदा

जन्माष्टमी की रात घर के भीतर की गयी थी रिटायर्ड किलाकर्मी की गोली मारकर हत्या

नैनी के काजीपुर गांव में सोमवार रात घर के अंदर गोली मारकर रिटायर्ड सैन्यकर्मी बनारसी लाल की हत्या उसकी बहू सुषमा ही करवाई थी। उसका टारगेट ससुर के साथ पति भी था। उसने दोनो की हत्या का सौदा किया था। पति की किस्मत अच्छी थी कि गोली की आवाज सुनकर उसकी नींद खुल गयी। यही उसकी जान बच जाने का कारण बन गया। नींद नहीं खुलती तो उसे भी मौत के घाट उतार देने का प्लान लेकर हत्यारा घर के भीतर दाखिल हुआ था। पुलिस ने यह सनसनीखेज खुलासा बुधवार को आरोपित महिला को गिरफ्तार करने के साथ किया। घटना को अंजाम देने वाले को वांटेड घोषित कर दिया गया है। पुलिस उसकी तलाश में लगी हुई है। मीडिया के सामने घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने इसके कारणों का भी खुलासा किया।

पति को हो गया था शक, ससुर करता था निगरानी

पूरे घटनाक्रम का खुलासा पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस करके किया। यहां आरोपित महिला को भी लाया गया था। इस दौरान एसपी यमुनापार द्वारा जो बातें बताई गई वह चौंकाने वाली थीं। एसपी ने कहा कि महिला के चाल-चलन पर उसके पति दीपक को शक हो गया था। इसे लेकर करीब एक साल से दोनों में शीत युद्ध चल रहा था। अक्सर नशे में दीपक पत्‍‌नी सुषमा की पिटाई करता था। एक दो दफा दीपक ने मामले की शिकायत अपने ससुरालवालों से भी की थी। इस पर सुषमा के घरवालों ने उससे बात की लेकिन उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा। इसके बाद दोनों साथ रहते जरूर थे मगर अलग-अलग कमरे में। पुलिस के मुताबिक सुषमा के आरोप हैं कि उस पर ससुर की नीयत ठीक नहीं थी। ससुर अक्सर उसे परेशान किया करता था। इन सारी बातों से तंग आकर सुषमा ने ससुर बनारसी लाल के साथ पति दीपक के कत्ल का स्क्रिप्ट लिख डाली।

जीजा की बुआ के बेटे को दिया ठेका

हत्या की स्क्रिप्ट तैयार करने के बाद सुषमा को एक अदद ऐसे आदमी की तलाश थी जो वारदात को अंजाम दे और भरोसेमंद भी हो। इसके लिए उसने गांव के ही निवासी अपने जीजा की बुआ के बेटे सुरेश वर्मा को चुना। सुरेश वर्ष 2011 में दोस्त की हत्या में जेल जा चुका था। इस मर्डर केस में पर्याप्त सुबूत न मिलने पर सुरेश को कोर्ट ने बरी कर दिया था। इसके बाद वह घर पर ही रह रहा था। रिश्तेदारी होने के चलते वह सुषमा के टॅच में था और उसके घर भी आता-जाता था। सुषमा ने सुरेश से पूरे बात बतायी और पति व ससुर की हत्या की डील उससे फाइनल की। दो लाख रुपये में सौदा तय हुआ। पुलिस के अनुसार डील होने के बाद भी कोई एमाउंट एडवांस के तौर पर पे नहीं किया गया था। डील की शर्त थी कि काम हो जाने पर सुषमा अपने नाम की एफडी तोड़वाएगी और दो लाख रुपये का भुगतान सुरेश को करेगी। सुषमा ने बताया कि उनके नाम करीब नौ लाख रुपये की एफडी है। कत्ल के इस ऑफर को सुरेश ने एक्सेप्ट कर करके काम करने को हां बोल दिया।

कातिल को सुषमा ने दिलाई इंट्री

फुल प्रूफ प्लान तैयार करने के लिए सुषमा ने कुछ जिम्मेदारी अपने ऊपर भी ली थी। इसमें सबसे अहम था सुरेश का घर में बिना किसी की जानकारी के घर में प्रवेश करना और हत्या के बाद सुरक्षित घर से निकल जाना। इसके बाद शुरू हो गई उस वक्त की तलाश जब इस पूरे प्लान को अंजाम तक पहुंचाया जाय। यह वक्त उन्हें जन्माष्टमी के दिन सोमवार को मिल गया। शूटर के रूप में सामने आया सुरेश वर्मा अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। उसकी तलाश भी तलाश पुलिस ने तेज कर दिया है।

इस तरह पूरी घटना को दी अंजाम

काजीपुर मोहल्ले में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी प्रोग्राम का आयोजन था।

पूरा मोहल्ला इसमें इनवाल्व था। आयोजन के साथ भगवान के पैदा होने के समय पटाखे फोड़े जाने थे। इसी को ध्यान में रखते हुए सुषमा ने इस दिन का चुनाव किया।

प्रोग्राम के चलते पूरे मोहल्ले के लोगों का ध्यान बंटा हुआ था। इस प्रोग्राम में पति दीपक व दोनों बच्चों के साथ सुषमा खुद भी गई थी।

लौटने के बाद बच्चों के साथ वह अपने और पति अपने कमरे में सोने चला गया।

रात करीब तीन बजे के आसपास सुषमा धीरे से दरवाजा खोली और सुरेश मौत बनकर प्रवेश कर गया।

घर के अंदर बनी सीढ़ी से वह दूसरे फ्लोर पर कमरे में उसके ससुर के पास जा पहुंचा।

कमरे में सो रहे सुषमा के ससुर बनारसी लाल को सुरेश गोली मार दिया।

करीब तीन बजे चली गोली की आवाज सुनकर दीपक कमरे से बाहर आ गया।

वह फस्ट फ्लोर पर जाने के लिए सीढि़यों की तरफ बढ़ता, इसके पहले सुषमा लंबे कदम फस्ट फ्लोर पर पहुंच गई।

छत से ही उसने पति दीपक को बताया कि जन्माष्टमी के प्रोग्राम में लोग पटाखे फोड़ रहे हैं।

उसकी बात पर यकीन करके दीपक कमरे में चला गया।

दीपक जाग गया था तो उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। इसी से हत्यारा उसके कमरे तक पहुंच नहीं पाया।

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट पहले ही जताया था शक

बनारसी लाल मर्डर केस में कातिल कोई बेहद करीबी है इस बात का खुलासा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मंगलवार को ही कर दिया था। जिस बात का शक अपने बुधवार के अंक में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जाहिर किया था। पुलिस के खुलासे में वही बात निकल कर सामने आई। बनारसी लाल मर्डर केस में उसकी बहू का ही हाथ सामने आया। वारदात के बाद यह शक दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा की गई पड़ताल व लोगों से पूछताछ और मौका-ए-वारदात के हालात को देखते हुए जताई गई थी।

बच्चों के बारे में नहीं सोचा मां ने

दीपक और सुषमा को शादी के बाद दो बच्चे हुए। बड़ी बेटी है। उसकी उम्र करीब 12 साल है। बेटा छोटा है। उसकी उम्र करीब सात साल है। मां की करतूत के चक्कर में दोनो बच्चे इग्नोर हो गये। सुषमा के प्लान में बच्चे कहीं थे ही नहीं। उसे अपने प्लान पर इतना भरोसा था कि वह कभी पकड़ी ही नहीं जाएगी। लेकिन, किस्मत दगा दे गयी। पति बच गया और उसे जेल जाना पड़ गया। अब बच्चों के सिर पर पिता का साया तो है लेकिन उनके सवाल का जवाब नहीं मिला कि इन सब के बीच मां ने साथ रहते हुए थे उन्हें मझधार में छोड़ने का फैसला कैसे ले लिया।

बनारसी लाल मर्डर केस में उसकी बहू का ही नाम सामने आया है। पूछताछ में वह अपना गुनाह कबूल करते हुए कारण तक की बात बताई। शूटर उसके रिश्तेदार सुरेश की तलाश की जा रही है।

सौरभ दीक्षित

एसपी यमुनापार