प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मौत के घाट उतारा गया कृष्णा मोरे महाराष्ट के रत्नागिरि जनपद स्थित खेड थाना क्षेत्र के जांभुर्ड मनवलवाडी गांव निवासी किसान गजानन नारायण मोरे का बेटा है। उसका चाचा महोदव नारायण मोरे परिवार के साथ मुंबई में रहकर नौकरी करता है। काम धंधे की तलाश में कृष्णा भी चाचा के पास मुंबई गया था। कोई काम नहीं मिलने पर वह 18 मार्च को वह मुंबई से घर आ गया। दोपहर करीब साढ़े 12 बजे निकला तो मां के पूछने पर जवाब किया कि कहीं नहीं जा रहे। जब काफी देर तक वापस नहीं लौटा तो परिजन उसके मोबाइल पर कॉल करना शुरू किए। एक बार फोन उठाया तो परिवार वालों को ट्रेन की आवाज सुनाई दी। इसके बाद वह घर वालों का फोन उठाया ही नहीं। पुलिस को परिजनों ने बताया कि 20 मार्च तक उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताता रहा। इसके बाद महाराष्ट्र के थाने में उसके गायब होने की गुमशुदगी लिखवा दिया। वहां की पुलिस रिपोर्ट दर्ज करके उसकी तलाश करती रही।

इस तरह युवक के घर पहुंची पुलिस
महाराष्ट्र पुलिस कृष्णा मोरे की तलाश कर रही थी, उधर 20 मार्च को भीटा की पहाड़ी में पानी भरे गड्ढे में उसकी बॉडी बरामद हुई। क्राइम सीन और मौका- ए- वारदात की परिस्थितिजन्य साक्ष्य उसकी हत्या की तरफ इशारा कर रहे थे। ऑडी में बॉडी को घूरपुर पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया था। क्योंकि हालात हत्या की तरफ इशारा कर रहे थे लिहाजा अधिकारी मामले में शांत नहीं बैठे। कातिलों तक पहुंचने की हर कोशिश में अफसर जुटे रहे। इस बीच एसपी गंगापार की नजर युवक की टी-शर्ट पर बने लोगों के ऊपर पड़ी। गूगल पर उस लोगों को उन्होंने सर्च कराया तो पता चला कि वह कंपनी मुंबई के गोरे गांव में स्थित है। इतना पता चलने के बाद एक टीम गोरे गांव उस कंपनी के लिए रवा की गई। टीम वहां पहुंची और कंपनी में एक-एक कर्मचारी से पूछताछ शुरू की। दबाव बना तो कंपनी भी मदद में जुट गई। कंपनी के अफसरों द्वारा पूछताछ की गई तो मालूम चला कि कर्मचारी महोदव नारायण मोरे के परिवार का युवक कृष्णा गायब है जिसकी गुमशुदगी भी दर्ज है। इतना पता चलते ही पुलिस वहां के थाने पर पहुंची और जानकारी कलेक्ट करके युवक के घर गई। इसके बाद उसका नाम और गायब होने की बात सामने आई। टीम द्वारा उसके घर वालों को युवक की बरामद टी-शर्ट व बॉडी आदि की वीडियो उसके परिजनों को दिखाई गई तो सभी उसकी पहचान लापता कृष्णा के रूप में लिए। घर वालों को जब पता चला कि उसकी हत्या हो गई है तो सभी चीख पड़े।

ऐसे पकड़े गए कातिल और खुला राज
पहचान के बाद पुलिस के सामने दूसरी चुनौती कत्ल की वजह व कातिलों तक पहुंचने को लेकर बन गई। खैर पुलिस मारे गए कृष्णा के मोबाइल की सीडीआर को ट्रेस किया।
इस पर पता पुलिस को पता चला कि होलागढ़ सांगीपुर निवासी बृज कुमार मिश्रा उर्फ शुभम व सतीश पाठक निवासी परसरा थाना बारा की कई बार युवक से बात हुई थी।
कॉल डिटेल में कृष्णा और बृज कुमार मिश्र एव सतीश पाठक की लोकेशन छिवकी स्टेशन के पास एक ही जगह मिली।
इस पर पुलिस द्वारा बृज कुमार मिश्रा व सतीश पाठक को गिरफ्तार करके पूछताछ शुरू की गई।
पुलिस के मुताबिक बृज कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी झगड़ा करने के अक्सर पालघर मुंबई मायके चली जाती थी।
वहीं पर कृष्णा व उसकी पत्नी के संपर्क में आया और बातचीत करने लगा। यह बात मालूम चलने पर बृज कुमार विरोध किया तो फिर झगड़ा करके उसकी पत्नी मुंबई चली गई।
उसकी पत्नी पर फिदा कृष्णा शादी तक को तैयार था। कई दफा खफा बृज कुमार ने कृष्णा को समझाया मगर वह नहीं माना।
इस पर फोन कर बृज कुमार उसे प्रयाग बुला लिया। वह आने के लिए ट्रेन पर बैठा तो दोनों एक दूसरे के संपर्क में थे।
छिवकी स्टेशन कृष्णा पहुंचा तो बृज कुमार मामा सतीश के साथ पहुंचा और घर ले जाने की बात कहते हुए बाइक से घूरपुर पहाड़ी ले जाकर हत्या कर दिया और बॉडी गड्ढे में फेक दिया।

इस ब्लाइंड मर्डर केस में एएसपी चिराग जैन व थानाध्यक्ष धूमरपुर धीरेंद्र सिंह को लगाया गया था। दिए गए निर्देश पर दोनों ने कड़ी मेहनत करके इस मारे गए युवक के टी-शर्ट पर बने लोगो के जरिए ब्लाइंड मर्डर का शानदार खुलासा किया।
सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार