खतरा, लेकिन लापरवाही जारी?
पिछले दिनों पीसीबी हॉस्टल में रहने वाले एक स्टूडेंट ने सिपाही पर फायर झोंक दिया थाइसके बाद आईजी आलोक शर्मा ने कहा था कि यूनियन इलेक्शन में अराजकतत्व ही पुलिस के टारगेट पर होंगेहालांकि मौजूद हालात कुछ और ही हैंहॉस्टल में एक के बाद एक बमों का जखीरा मिल रहा हैइसकेबावजूद पुलिस की नींद नहीं टूट रही। 13 सिंतबर को पीसीबी हॉस्टल में बाल्टी में रखे हुए बम फट गए थेहालांकि पुलिस ने कार्रवाई नहीं की

 

इसमें भी कर दिया खेल
दूसरी घटना 19 सितंबर को हुईहिंदू हॉस्टल में बम फटने से एक स्टूडेंट्स का हाथ बुरी तरह से झुलस गया थाउसको प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गयायहां भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कीकर्नलगंज इंस्पेक्टर यही कहते रहे कि किसी ने तहरीर नहीं दीबाद में पुलिस ने ही वादी बनकर थाने में मुकदमा दर्ज करायाबड़ी बात ये कि यहां भी खेल किया गयादोनों ही मामलों में लिखा है कि किसी ज्वलनशील पदार्थ से युवक घायल हुए

 

खतरनाक न हो जाए यह लापरवाही
पुलिस और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की यह लापरवाही खतरनाक रूप भी ले सकती हैनॉमिनेशन होने के बाद अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन का इलेक्शन अपने रंग पर चढ़ गया हैशुरुआत में ही अध्यक्ष पद के एक उम्मीदवार पर जानलेवा हमला हो चुका हैऐसे में कई गुटों में आपसी टशन बना हुआ हैयूनिवर्सिटी हॉस्टल में जिस तरह से बम मिलने की घटनाएं हो रही है उसमें समय रहते पुलिस और यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का सचेत रहना बेहद जरूरी है