प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर के खुल्दाबाद एरिया स्थित चकिया निवासी मो। अली पुत्र अतीक अहमद, आरिफ उर्फ कछोली, संजय सिंह, इमरान उर्फ गुड्डू, सैफ उर्फ मामा, अमन, कुल्लू अतीक अहमद, चचेरा भाई अली अब्बास समेत 15 अज्ञात के खिलाफ करेली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा चकिया के ही प्रॉपर्टी डीलर मो। जिशान पुत्र मो। जई की तहरीर पर 31 दिसंबर 2021 को पुलिस ने दर्ज किया था। आरोप है कि अली साथियों के साथ पहुंचा और गुंडा टैक्स का भुगतान न करने पर प्रॉपर्टी डीलर जीशान पर हमला कर दिया। अली ने कनपटी पर पिस्टल लगा कर अब्बा से बात कराने की बात कही थी। पुलिस को दी गई तहरीर में जिशान ने कहा था कि जब वह फोन पर बात करने से मना किया तो उसे व उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी गयी। अली और उसके साथ पांच करोड़ रुपया पहुंचा देने की धमकी देते हुए वहां से चले गये थे। पैसे का भुगतान न करने पर वे एनुद्दीनपुर स्थित जमीन को वह अपनी पत्नी के नाम लिखने का दबाव बनाने लगा। मुकदमे के दो आरोपितों संजय सिंह व इमरान उर्फ गुड्डू को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस सक्रिय हुई तो अली समेत अन्य आरोपित अंडर ग्राउंड हो गए। काफी कोशिश के बाद भी कामयाबी नहीं मिली तो पुलिस ने इनाम राशि घोषित करने का सहारा लिया। इनाम राशि बढ़कर पचास हजार रुपये तक पहुंच गयी, इसके बाद भी अली की तलाश खत्म नहीं हुई।

बंगाल में दी गई थी दबिश
पुलिस के साथ अली की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को भी मैदान में उतार दिया गया था। अहमदाबाद जेल में अतीक को सिम उपलब्ध कराने में करेली एरिया के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई तो पुलिस को अली के बारे में कुछ सुराग मिला। एसटीएफ से शेयर की गयी लोकेशन बंगाल के खिदिरपुर की थी। यहां पहुंचने पर पुलिस को यह तो पता चल गया कि दोनों भाई इस फ्लैट में रहे हैं लेकिन दोनों पकड़ में नहीं आये। पुलिस लगातार दावा कर रही थी कि उसकी तलाश शिद्दत से चल रही है। मगर, शनिवार को पुलिस की सारी मेहनत व दावे पर पानी फेरते हुए अली ने एसीजेएम कोर्ट चतुर्थ शालिनी की अदालत में सरेंडर कर लिया। अली द्वारा सरेंड किए जाने की खबर मिलते ही कर्नलगंज इंस्पेक्टर के साथ सीओ व एसपी सिटी भागकर कचहरी पहुंच गए।

कोर्ट में अली के अधिवक्ता की दलील
न्यायिक अभिरक्षा में लिए जाने के बाद अली अहमद की तरफ से उसके अधिवक्ता द्वारा जमानत प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया गया
अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि प्रार्थी का का इस मुकदमे में पहला जमानत आवेदन पत्र है। इसके अतिरिक्त किसी भी कोर्ट में कोई जमानत प्रार्थना पत्र लंबित नहीं है न ही खारिज है।
प्रार्थी यानी अली के शैक्षिक प्रमाण पत्रों एवं सरकारी अभिलेखों व आधार कार्ड में उसका नाम मोहम्मद अली अहमद है। दर्ज मुकदमे में सिर्फ अली लिखा गया है। जो की प्रार्थी केे बारे में है।
इसीलिए जमानत प्रार्थना पत्र में उसकी ओर से अली उर्फ अली अहमद लिखा गया गया है। उसे झूठा और रंजिशन फंसा दिया गया है।
उसके पिता एक राजनैतिक व्यक्ति हैं। जो पांच बार विधानसभा के और एक बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। इसलिए उसे जमानत पर रिहा कर दिया जाए।
अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को भी सुना उसके पश्चात आदेश दिया कि जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने का पर्याप्त आधार नही है।
आरोपित पर लगाई गईं धाराएं गंभीर अपराध से संबंधित हैं। जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त होने योग्य है।

सरेंडर करने वाले अली की जमानत अर्जी लोअर कोर्ट से खारिज हो गई है। उसे कोर्ट के आदेश पर नैनी जेल भेजा गया है। अब उसकी ओर से डिस्ट्रिक्ट जज के यहां जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जा सकता है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी

अब हम जल्द ही जिला जज की अदालत में जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेंगे। शनिवार को अली ने कोर्ट में सरेंडर किया है। यहां भी उसकी जमानत प्रार्थना पत्र पर पूरी बात रखी गई थी। मगर कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
खान सौलत हनीफ अधिवक्ता

जल्द ही पुलिस अली को रिमांड को लेकर पूछताछ करेगी। खुल्दाबाद थाने में दर्ज मुकदमे में अली के साथ नामजद अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है।
दिनेश सिंह एसपी सिटी