प्रयागराज (ब्‍यूरो)।


समय -5.10 मिनट
स्थान- तेलियरगंज
काले शीशे लगी वैगन आर कार

समय 5.15 मिनट
स्थान-ट्रैफिक चौराहा
काला शीशा लगी स्कार्पियो

समय 5.20
स्थान-महाराणा प्रताप चौराहा
काला शीशा लगी कार

चलती है पर दिखती नहीं। नहीं समझे। फिर आइए समझाते हैं आखिर मसला क्या है। बात ये है कि शहर में काले फिल्म वाली कार धड़ल्ले से फर्राटा भर रही हैं। शायद ही कोई सड़क हो जहां पंद्रह, बीस मिनट के अंतर पर कोई ऐसी कार न गुजरती हो, जिसके शीशे पर काली फिल्म न लगी हो। सड़क पर चलने वालों को काली फिल्म वाली कारें तो नजर आती हैं मगर यातायात विभाग या फिर पुलिस को तो कत्तई नजर नहीं आती हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर शीशों पर काली फिल्म लगवाने की जरुरत क्यों पड़ती है। आखिर वो कौन है जिसे अपनी कार के शीशे पर काली फिल्म लगवाने की जरुरत पड़ती है। जबकि कार के शीशे पर काली फिल्म बैन है और उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

कार्रवाई का असर नहीं
ऐसा नहीं कि यातायात विभाग या फिर पुलिस काली फिल्म वाली कारों पर कार्रवाई नहीं करती है। मगर इसके पीछे राज क्या है कि लोग कार्रवाई होने के बावजूद अपनी कार के शीशों पर काली फिल्म लगवा लेते हैं। जबकि दूर से ही काली फिल्म नजर आती है। इसके बावजूद काली फिल्म वालों को आखिर डर क्यों नहीं लगता है, ये बड़ा सवाल है।

रियलिटी चेक में दिखी सच्चाई
यातायात विभाग का दावा है कि जून माह में 118 ऐसे वाहनों का चालान किया गया, जिनके शीशों पर काली फिल्म लगी थी, या फिर हूटर था। जाहिर है कि ये कार्रवाई यातायात विभाग ने सड़क पर की होगी। मगर इसका कोई असर काली फिल्म लगी शीशे वाले शौकीनों पर नजर नहीं आती है। यातायात विभाग के इस दावे को कि काली फिल्म लगी शीशे वाली कारों का चालान किया जा रहा है कि सच्चाई जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने रियल्टी चेक किया तो पता चला कि यातायात विभाग का दावा खोखला है।

आठ कारों में दिखी काली फिल्म
तेलियरगंज से लेकर महाराणा प्रताप चौराहा तक पांच बजकर 10 मिनट से लेकर पांच बजकर तीस मिनट के बीच 8 कार नजर आई। जिसके शीशों पर काली फिल्म लगी हुई थी। अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में काली फिल्म लगी कारों की कितनी भरमार है।

यातायात विभाग को नजर नहीं आती
सबसे हैरत की बात ये है कि यातायात विभाग का आफिस स्टेनली रोड पर ट्रैफिक चौराहा के पास है। इस लिए रिपोर्टर ने कार्रवाई का रियल्टी चेक करने के लिए स्टेनली रोड को चुना। ट्रैफिक चौराहा के पास ही कई कार काले शीशे वाली मिलीं। जाहिर है कि ऐसी कार वालों को अगर डर होता तो वह कम से कम ट्रैफिक चौराहा के आसपास तो अपनी कार खड़ी न करते। जिसके शीशे में काली फिल्म लगी हुई थी।

काली फिल्म पर है जुर्माना
कार के शीशों पर काली फिल्म लगाना प्रतिबंधित है। काली फिल्म लगाने पर पहली बार में पांच सौ रुपये और दूसरी बार में एक हजार रुपये चालान के जुर्माना का प्राविधान है।

जून माह में 118 वाहनों का चालान किया गया, जिसमें हूटर और काली फिल्म लगी थी। यातायात विभाग अभियान चलाकर ऐसे वाहनों का चालान कर रहा है। अगले कुछ दिनों में सख्त अभियान चलाया जाएगा।
अमित सिंह, यातायात निरीक्षक