प्रयागराज (ब्‍यूरो) । छतनाग चकहरिहर वन की बेसहारा 80 वर्षीय रखपत्ती देवी की शरीर ही नहीं हौसले भी टूट चुके थेपालीथिन से बनी उसकी झोपड़ी गिर चुकी थीपांच में तीन दिन पूर्व ईंट लगने से वह जख्मी हो गई थीअब उसके पास बचा था तो सिर्फ ईश्वर का भरोसा और आसमान रूप छतरोड किनारे टूटी हुई झोपड़ी के बाहर गंभीर चिंतन में बैठी रखपत्ती को देख गश्त पर रहे झूंसी इंस्पेक्टर शमशेर बहादुर सिंह रुक गएवृद्धा की पूरी बात सुनने के बाद उनका दिल और आंखें दोनों नम हो गईंसाथ रही महिला आरक्षी लक्ष्मी को तो मानों मां मिल गई होवह भागकर दुकान पहुंची और मरहम पट्टी लेकर आईवह वृद्धा के पास पहुंची और अपने हाथ से उसके पांव में बंधी पट्टी खोलकर जख्मों को साफ कियाआरक्षी की इस सेवा से प्रसन्न वृद्धा उसे लाखों दुआएं देने लगीझूंसी इंस्पेक्टर अपने पैसे से उसकी ढह चुकी पालीथिन से बची झोपड़ी को त्रिपाल से बनवाएपुलिस के इस कार्य की सराहना करते लोग नहीं थक रहे