प्रयागराज ब्यूरो । अगर आप एसआरएन अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने जा रहे हैं तो घर से थोड़ा जल्दी निकलिए। क्योंकि इंटरनेट लाइन डैमेज हो जाने से अस्पताल में इस समय मैनुअली पर्चे बनाए जा रहे हैं। ऑनलाइन रजिस्टे्रशन की सुविधा दो दिन से बंद पड़ी है। ऐसे में जो मरीज देरी से ओपीडी पहुंच रहे हैं उनको घंटो लाइन में लगना पड़ रहा है।
बिना दिखाए चले गए घर
गुरुवार को एसआरएन अस्पताल पहुंचाने वाले कई मरीज ऐसे थे जो बिना डाक्टर को दिखाए घर चले गए। क्योंकि ऑनलाइन पर्चे बनने में समय नही लगता था और मैनुअली रजिस्ट्रेशन में पंजीकरण की लाइन में घंटो लग जाते हैं। जो मरीज देर से आते हैं उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। बता दें कि एक समय ऐसा था जब एसआरएन अस्पताल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के मामले में देशभर में परचम लहराया था लेकिन पिछले दो दिन से यह व्यवस्था धड़ाम हो चुकी है।
दिन रात चल रहा निर्माण कार्य
महाकुंभ को लेकर इस समय एसआरएन अस्पताल में दिन रात निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में दो दिन पहले इंटरनेट की लाइन डैमेज हो गई जिससे अस्पताल में कई कार्य बाधित हो रहे हैं। सबसे ज्यादा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम इफेक्टेड हुआ है। हालांकि एसआरएन अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि चौबीस घंटे के भीतर फिर से इंटरनेट लाइन ओके कराने की कवायद चल रही है।
घट गई मरीजो की संख्या
प्रयागराज के अलावा कौशांम्बी, फतेहपुर, आजमगढ़, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, बांदा, चित्रकूट, जौनपुर, सोनभद्र व मछली शहर सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों से लोग सुबह आठ बजे ही रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्चा बनवाने पहुंच जाते हैं। मगर आभा आईडी की वजह से अब लाइन नहीं लगाना पड़ता है और सिर्फ रजिस्ट्रेशन नंबर बताने से मरीज का पर्चा तुरंत बन जाता है। मैनुअली रजिस्ट्रेशन होने की वजह से एसआरएन की ओपीडी में तीन से चार सौ मरीज कम हो रहे हैं।
इंटरनेट की लाइन में समस्या आने की वजह से थोड़ी समस्या आई है। जिसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही आनलाइन रजिस्ट्रेशन का काम शुरू हो जाएगा। जिससे मरीजों को परेशानी नही होगी।
डॉ। अजय सक्सेना, एसआईसी, एसआरएन अस्पताल