प्रयागराज (ब्यूरो)रोजाना बडी संख्या में दृष्टि बाधित दिव्यांग रेलवे का सफर करते हैं। इस दौरान उन्हें किसी न किसी अटेंडेंट की जरूरत होती है। रेलवे चाहता है कि उनके यह यात्री खुद में आत्मनिर्भर बनें और बिना किसी सहायता सफर का आनंद ले सकें। यही कारण है कि उत्तर मध्य रेलवे जंक्शन पर सीएसआर एक्टिविटी के अंतर्गत स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के कार्यक्रम सीइंग इज विलीविंग के तहत एक पहल की गई है। जिसमें दृष्टि बाधित दिव्यांगजनों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्लेटफॉर्म संकेतक और ब्रेल (दृश्य दिव्यांगो द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली विशिष्ट भाषा) संकेतक के साथ सामान्य संकेतको को लगाया गया है।

दिव्यांगों को ये बनाएं आत्म निर्भर
ब्रेल इंडिकेटर, प्लेटफॉर्म इंडिकेटर्स, लिफ्ट साइन्स, स्वचालित सीढियों के लिए साइनेज, टिकट काउंटर साइन्स और अन्य गाइडिंग साइंस का प्रयोग जंक्शन के तमाम हिस्सों में किया गया है। इनको एफओबी, प्रतीक्षालय, लिफ्ट, स्वचालित सीढियों, पानी के बूथों और शौचालय सहित सभी प्रमुख कार्यालयों पर लगाया गया है। दिव्यांग यात्रियों के लिए ब्रेल लिपि में अंकित साइनेज बोर्ड प्रथम श्रेणी हाल में और सेकंड क्लास हाल में प्रवेश द्वार के निकट लगाया गया है। जिसके माध्यम से दृष्टि बाधित दिव्यांगजन स्टेशन पर उपलब्ध यात्री सुविधाओ के स्थान को ज्ञात करके आसानी से पहुँच सकते हैं।

ये सुविधाएं भी हैं उपलब्ध
दिव्यांगों के लिए पोर्टेबल रैंप और एक व्हीलचेयर स्टेशन प्रबंधक के कार्यालय में उपलब्ध है
जिसका उपयोग लोग ट्रेन में चढऩे-उतरने के लिए एवं व्हीलचेयर का उपयोग ट्रेन तक पहुँचने के लिए करते हैं।
महत्वपूर्ण स्थानों पर एक स्कैन करने योग्य क्यूआर कोड प्रदान किया गया है।
जिसके माध्यम से प्रयागराज जंक्शन के बारे में पूरी जानकारी सांकेतिक भाषा में वीडियो के रूप में देखीजा सकती है
जो कि दिव्यांग यात्रियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा।

बेहद उपयोगी हैं ब्रेल साइनेज
प्लेटफार्मों पर ब्रेल संकेतकों की स्थापना से दृष्टिबाधित यात्रियों को सही प्लेटफॉर्म और सुविधाओं तक पहुंचने लिए दूसरे पर निर्भरता कम हो जाती है। जिससे उनके भटकने का जोखिम कम हो जाता है। ब्रेल में सामान्य संकेत दृष्टि बाधित दिव्यांगजनो को पुरुष और महिला शौचालय, पुरुष और महिला प्रतीक्षालय, दिव्यांग शौचालय, छात्रावास, क्लॉक रूम जैसी आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की पहचान करने में मदद करते हैं।

रेलवे चाहता है कि दिव्यांग यात्री भी आत्मनिर्भर बनें। कम से कम सहायता के वह अपना सफर पूरा करें। इसकी शुरुआत जंक्शन से हो गई है। यहां ब्रेन साइनेज के जरिए दृष्टि बाधितों के सफर को आसान बनाया जा रहा है।
अमित सिंह, पीआरओ