प्रयागराज ब्यूरो । हीमोफीलिया पीडि़त बच्चों के इलाज के लिए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में एक नया आयाम जुड़ गया है। सोमवार को विश्व हीमोफीलिया दिवस के अवसर पर एसआरएन अस्पताल में विशेष फिजियोथेरेपी सेंटर की शुरुआत हुई। मेडिसिन विभाग के डा। (मेजर) जितेंद्र शुक्ला को नोडल अधिकारी बनाया गया है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा। एसपी सिंह ने कहा है कि बच्चों को राहत देने में यह सेंटर मील का पत्थर साबित होगा।
अनुवांशिक होती है बीमारी
फिजियोथेरेपी सेंटर पुराने लाल बत्ती भवन में खुला है। डा। एसपी सिंह ने इसका उद्घाटन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा। पीयूष सक्सेना, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डा। अमृता चौरसिया, चिल्ड्रेन अस्पताल की विभागाध्यक्ष डा। अनुभा श्रीवास्तव के साथ किया। डा। अमृता चौरसिया ने नोडल अधिकारी डा। जितेंद्र शुक्ला को बधाई और शुभकामनाएं दी। नोडल अधिकारी ने बताया कि पुरुष बच्चों में हीमोफीलिया बीमारी होती है। यह आनुवंशिक होती है। इसमें शरीर के किसी भी जोड़ पर चोट लगने या घाव होने से खून निकलने लगता है तो वह बंद नहीं होता। फैक्टर (विशेष दवाओं) के जरिए खून के रिसाव को बंद किया जाता है। इसके बाद फिजियोथेरेपी की जाती है। बताया कि 10 हजार में एक बच्चे को हीमोफीलिया होने का औसत है और वर्तमान में ऐसे करीब 200 बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
बच्चों को फैक्टर देने में प्राइवेट संस्थानों में एक बार में करीब 25 हजार रुपये खर्च आता है। एसआरएन में यह सुविधा मुफ्त में उपलब्ध करायी जायेगी। आज से इसका शुभारंभ हो गया है।
डा। जीतेंद्र शुक्ला
नोडल अधिकारी