सोच व तनाव के चलते संक्रमित होने के बाद जल्दी ठीक नहीं हो पा रहे मरीज

विशेषज्ञों ने दी सलाह, बीमारी को न होने दे हावी

कोरोना के खौफ से इंसान लगातार तनाव और निगेटिव विचारों में जी रहा है। इसी के चलते उसकी फिजियोलॉजी बिगड़ रही है। इसका असर हारमोन पर भी पड़ रहा है। खासतौर से पैंक्रियाज से निकलने वाले हारमोन इंसुलिन पर प्रभाव अधिक है। जिससे अच्छे भले इंसान डायबिटीज के रोगी हो रहे हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि धीरे-धीरे यही तनाव शरीर की बी और डी लिम्फोसाइट्स कोशिकाओं को कम करने लगता है। इसी वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है। सलाह दिया कि बीमारी को हावी न होने दें। बताया कि खून की जांचों में इम्यूनिटी के लिए जिम्मेदार कोशिकाएं कम मिल रही हैं या उनकी संख्या असंतुलित हैं। इससे दिक्कत खड़ी हो रही है।

खून में मिल रही गड़बड़ी

फिजीशियन डॉक्टर अरुण गुप्ता का कहना है कि किसी भी इंसान के खून की जांच कराने पर 50 फ़ीसदी गड़बड़ी मिल रही है। इसी तरह विभिन्न अंगों मसलन गुर्दा, लीवर में भी दिक्कत खड़ी हो रही है। इन अंगों की बीमारियों को बढ़ने में इम्यूनिटी का अहम रोल है। इससे एक साथ इंसान कई समस्याओं से घिर रहा है। बताया कि स्पेनिश फ्लू में 5 करोड़ लोगों की मौत हुई थी। जिनमें 2 करोड़ लोगों को फ्लू हुआ था और तीन करोड़ लोग खौफ व दूसरी बीमारियों की वजह से मर गए। इसलिए सभी को धैर्य से काम करना है।

इन चार चीजों को अपनाएं

1. किसी भी हाल में घबराने की जरूरत नहीं है।

2. खांसी और बुखार को हल्के में न लें। डॉक्टर की सलाह पर इलाज शुरू करें।

3. इमरजेंसी में इलाज की तैयारी करें। क्योंकि इस समय लापरवाही ही वायरस है और सावधानी ही वैक्सीन है।

कोरोना की वजह से हर व्यक्ति तनावग्रस्त है। दिन पर दिन लोग गहरे डिप्रेशन में जा रहे हैं। लोगों को कई स्तरों पर परेशानी है, परिवार में बीमारी, मौत, परिवार की रोजी- रोटी और उसका समाज से कट जाना। इसके चलते उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता गिरती जा रही है।

राकेश पासवान, मनोरोग विशेषज्ञ

कोरोना ने लोगों को अंदर से हिला दिया है। इससे बॉडी कमजोर हो रही है। तनाव की वजह से लोगों की इम्युनिटी बिगड़ रही है और लोग बेवजह मरीज बन रहे हैं। खून की जांचों से पता चल जाता है कि इम्यूनिटी कमजोर है।

अरुण गुप्ता, फिजीशियन