तेजी से बढ़ रहे पेट्रोल के दाम ने बिगाड़ा घर का बजट
घट गया वेहिकल का माइलेज, डेढ़ गुना तक बढ़ गया खर्च
हेमंत शुक्ला वर्तमान में बेली हॉस्पिटल ब्लड बैंक में फार्मासिस्ट हैं। उनकी पत्नी अनामिका पांडेय प्रतापगढ़ में प्राइमरी टीचर हैं। दोनों को रोजाना सौ किमी का सफर करना पड़ता है। इसमें होने वाले खर्च का बजट भी उन्होंने निर्धारित कर रखा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह फैमिली इस खर्च को लेकर परेशान है। पेट्रोल के दामों से वेहिकल पर खर्च होने वाला बजट डेढ़ गुना तक बढ़ गया है। हेमंत का कहना है हम अपनी सेविंग्स को डिस्टर्ब नही करेंगे। दूसरे खर्चो में कटौती कर बजट को बैलेंस किया जाएगा। पेट्रोल के बढ़ते दामों से हजारों परिवारों का यही हाल है। उनकी डेली बजट लगभग पटरी से उतर गया है।
सप्ताह में एक दिन जाते हैं प्रतापगढ़
वह कहते हैं कि पत्नी प्रतापगढ़ में रहती हैं लेकिन उनके निवास से स्कूल की दूरी अधिक है। रोजाना कम से कम तीस किमी स्कूटी चलानी पड़ती है। यहां पर हेमंत को प्रतिदिन इतनी दूरी कार से तय करनी पड़ती है। कार भी पेट्रोल वैरिएंट है। ऐसे में वह सप्ताह में एक दिन कार से प्रतापगढ़ जरूर जाते हैं। इसका खर्च भी बढ़ गया है।
तो बस से करना पड़ेगा सफर
सिविल लाइंस के रहने वाले अभिनव चड्ढा होमियोपैथिक डॉक्टर हैं और इस समय सरकारी सेवा में प्रतापगढ़ पोस्टेड हैं। रोजाना उन्हें वाया कार ड्यूटी पर जाना पड़ता है। उनकी वाइफ अंकिता चड्ढा पेशे से सीएस हैं। उनको भी स्कूटी से अपने इंस्टीट्यूट जाना होता है। दोनों वर्किंग है और दोनों को पेट्रोल के बढ़ते दाम से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंकिता कहती हैं कि कभी कभार से फर्क नही पड़ता लेकिन जब रोजाना लंबा सफर करना हो तो बजट गड़बड़ा ही जाता है। वहीं अभिनव कहते हैं कि प्रतापगढ़ और इलाहाबाद के बीच अप डाउन करना आसान नही है। मंथली बजट में पेट्रोल-डीजल के दामों के उतार चढ़ाव का खासा फर्क पड़ता है।
15 दिन में दस फीसदी बढ़ा रेट
बता दें कि 15 दिन पहले यानी 18 फरवरी को पेट्रोल का रेट 80.92 रुपए प्रतिलीटर था। शुक्रवार को यह रेट बढ़कर 89.26 रुपए हो गया। कुल 8.26 रुपए पेट्रोल के दाम बढ़ जाने से लोग परेशान हो गए हैं। इसी रफ्तार से पेट्रोल के रेट बढ़ते रहे तो लोगों केा वेहिकल से दूरी बनानी पड़ सकती है। वहीं डीजल का रेट इस समय 81.80 रुपए प्रतिलीटर है।
मैकेनिक के पास जा रहे हैं लोग
पेट्रेाल महंगा होने से लोगों के वेहिकल का माइलेज कम हो गया है। इससे लोग परेशान हैं। वह मैकेनिक से कार और बाइक चेक करा रहे हैं। जबकि उनको पता होना चाहिए कि यह कमी वेहिकल में नही बल्कि पेट्रोल की मात्रा घटने से है। लोगों का कहना है कि पहले वह सौ रुपए के पेट्रोल में दो दिन चलते थे और अब एक दिन चलने के बाद फिर से भरवाना पड़ता है।
लगता है कि छोटी दूरियों को अब पैदल या साइकिल से तय करना होगा। क्योंकि कमाई के साधन तो सीमित हैं और खर्च लगातार बढ़ रहा है। महंगाई से सभी परेशान हैं।
हेमंत शुक्ला, फार्मासिस्ट
हर घर का बजट निर्धारित होता है। इसमें जरा भी उतार चढ़ाव हुआ तो चिंता होने लगती है। इस समय पेट्रोल के दाम से हमारा बजट डिस्टर्ब हो गया है।
अनामिका पांडेय, प्राइमरी टीचर
रोजाना प्रतापगढ़ कार से जाना पड़ता है। पेट्रोल इतना महंगा हो गया है कि सोचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जोड़ा जाए तो महीने भर में हजारों रुपए एक्स्ट्रा खर्च बढ़ गया है।
डॉ। अभिनव चड्ढा, होमियोपैथिक चिकित्सक
घर का काम हो या इंस्टीट्यूट तक जाना हो। यह सभी काम स्कूटी से होते हैं। पेट्रोल महंगा होने से खर्च भी बढ़ गया है। कमाई कम हो रही है और महंगाई बढ़ती जा रही।
अंकिता चड्ढा, सीएस
सरकार को जहां से टैक्स वसूलना है वहां से लिया जाए। पेट्रोल को छोड़ दिया जाए। यह आम जनता के रोजाना यूज की वस्तु है। इससे रोजाना के खर्च पर बड़ा असर पड़ता है।
अमितेश सिंह, प्रोफेशनल
कुछ चीजों का असर धीरे धीरे समझ आता है। पेट्रोल का दाम काफी धीमी गति से बढ़ता है। लेकिन 15 से 20 दिन में देखें तो बड़ा ंअतर समझ में आता है। इससे आपकी जेब पर एक्स्ट्रा बोझ़ बढ़ जाता है।
डॉ। पीयूष तिवारी, डेंटिस्ट