प्रयागराज (ब्यूरो)। शासन और प्रशासन का वर्तमान में सबसे ज्यादा फोकस किशोरों के वैक्सीनेशन पर है। जिले में पचास फीसदी किशोरों को कोरोना टीका लगाया जा चुका है। 4.17 लाख किशोरों का लक्ष्य रखा गया था। वर्तमान में 1.42 लाख किशोरों की सूची तैयार की गई है। इनको कोरोना टीके की पहली डोज दी जानी है। इनके लिए शहर से लेकर गांव तक अभियान चलाया जाएगा।
बनाई गई हैं डेडिकेटेड टीमें
अभियान को सफल बनाने और अधिक से अधिक लोगों के टीकाकरण के लिए डेडिकेटेड टीमें भी बनाई गई हैं। यह टीमें दोपहर दो बजे तक किसी एक स्थान पर बैठकर टीकाकरण करेंगी और इसके बाद घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। इस दौरान जो भी किशोर और व्यक्ति विदाउट वैक्सीनेशन निकलेगा, उसे मोटीवेट कर कोरोना टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में कुल 700 टीमें बनाई गई हैं। इनमें से 117 टीमें शहर में काम कर रही हैं।
इनको भी लगाया जाएगा टीका
किशोरों के अलावा अभियान के दौरान 18 साल से अधिक के लाभार्थियों का भी टीकाकरण किया जाएगा। आंकड़ों पर जाएं तो अब तक 18 साल से अधिक के 96 फीसदी अभ्यर्थियों को वैकसीन की पहली डोज लगाई गई है। वहीं 63 फीसदी से अधिक लाभर्थियों को टीके की दूुसरी डोज दी गई है। डीपीएम एनएचएम विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इस अभियान में अध्यापक, आंगनबाड़ी, पंचायत सहायक, रोजगार सेवक, कोटेदार और आशा बहनों का सहयोग भी लिया जाएगा।
विचार बदल देगा मोटीवेशन
जिले में एक बड़ी संख्या ऐसी भी है जिसने अभी तक वैकसीन की पहली डोज नही लगवाई है। इनको टीका लगाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में अब टीमों को इनके पास भेजकर मोटीवेशन कराया जाएगा। इसके जरिए टीकाकरण कराया जाना है। टीमें ऐसे लाभार्थियों को टीके से होने वाले लाभ और टीका न लगाने पर नुकसान के बारे में बताएंगी।
अभियान को सफल बनाने की तैयारियां चल रही हैं। माइक्रोप्लान बना लिया गया है। बीपीएम और डीसीपीएम को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। बचे हुए किशोरों को इस अभियान के तहत कोरोना का टीका लगाया जाना है। बाकी लोगों का भी वैक्सीनेशन किया जाएगा।
डॉ। तीरथ लाल, वैक्सीनेशन इंचार्ज, स्वास्थ्य विभाग, प्रयागराज