प्रयागराज ब्यूरो । खाने के और, दिखाने के और। हाथी के दांत पर आधारित यह कहावत मौसम पर सही साबित हो रही है। आसमान में छाए बादल और सूर्य भगवान का दर्शन नही होने से ठंड का अहसास हो रहा है लेकिन ऐसा हो नही रहा है। अधिकतम तापमान अभी भी 20 डिग्री से अधिक चल रहा है। न्यूनतम तापमान भी एक लिमिट से नीचे नही आ रहा है। इसकी वजह से लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं। ठंड औ गर्म के बीच बॉडी के तापमान का एडजस्टमेंट नही हो पाने से लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं।

एक सप्ताह का तापमान

डेट अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान

26 नवंबर 29.9 12.5

27 नवंबर 27.9 11.4

28 नवंबर 22.2 15.4

29 नवंबर 22.2 15.6

30 नवंबर 29.2 15.1

1 नवंबर 28.6 15.1

2 नवंबर 23.3 17.2

अस्पतालों में लगी लंबी लाइन

मौसम के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर और बदलाव की वजह से लोग बीमारी का शिकार हो रहे हैं। वर्तमान में अस्पतालों में सर्दी, जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या में फिर से इजाफा हो रहा है। डॉक्टर्स की माने तो अधिकतर लोग मौसम में बदलाव का शिकार हो रहे हैं। उनको बुखार के साथ बदन दर्द, गले में खराश, नाक बंद, खांसी और छीक की शिकायत हो रही है। खासकर बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं इस लक्षणों से परेशान हैं। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर जाएं तो बेली अस्पताल में रोजाना 20 से 25 फीसदी, काल्विन में 30 फीसदी और एसआरएन अस्पताल में 35 फीसदी मौसम बीमारियों के मरीजों ने दस्तक दी है।

इन बातों का रखिए ध्यान

- फ्रीज का ठंडा पानी कतई न पिएं।

- रात में तेज पंखा चलाकर न सोएं।

- घर से बाहर निकलने पर हल्के गर्म कपड़े डाल लें।

- पसीना आने पर कूलर या पंखे का सहारा मत लें।

- बाजार की खानपान की चीजों से परहेज करें।

- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।

मौसम के बदलाव से लोग परेशान हैं। अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। उनको पर्याप्त दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मरीजों से अपील है कि मौसम में एहतियात बरतें।

डॉ। राजीव सिंह, संचालक नारायण स्वरूप अस्पताल

मौसम में बदलाव से लोगों को कन्फ्यूजन हो रहा है। लोग पसीना आने पर गर्म कपड़े उतारकर हवा में जा रहे हैं और बॉडी एडजस्ट नही होने पर वह बीमार पड़ रहे हैं। उनको खुद का ख्याल रखना होगा।

डॉ। एमके अखौरी, अधीक्षक, बेली अस्पताल