प्रयागराज ब्यूरो । सीवर सफाई में बरती गई लापरवाही को देखकर नगर आयुक्त का पारा शनिवार को चढ़ गया। कार्यदायी संस्था पर उन्होंने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश दिए हैं। इस आदेश पर अमल करते हुए जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी महाप्रबंधक जलकल को सौंपी गई है। नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा है कि इस कार्रवाई की रिपोर्ट उन्हें भी भेजी जाए। इस एक्शन को देखते हुए सीवर लाइन की सफाई में लापरवाही बरतने वालों के पसीने छूटने लगे हैं। निरीक्षण में यह हालात सामने आने के बाद माना जा रहा है कि अब और भी सीवर की जांच नगर आयुक्त करा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो काम करने वाली संस्थाओं पर कई और बड़ी कार्रवाइयां हो सकती हैं।
मेडिकल चौराहे के पास है सीवर
बारिश के दिनों में शहर जल भराव की समस्या से जूझता है। ऐसे हालात उत्पन्न नहीं हों इसके लिए सीवर सफाई का काम कराया गया। बड़े सीवर की सफाई कराने की जिम्मेदारी जलकल विभाग को सौंपी गई। जलकल के द्वारा कुल सात सीवर की सफाई कराई जानी थी। इस कार्य के लिए बाकायदा टेंडर किया गया था। टेंडर पाने वाली संस्था को निर्देश थे कि वह इस कार्य में लापरवाही नहीं बरते। बावजूद इसके संस्थाएं हरकत से बाज नहीं आईं। परिणाम यह हुआ कि नाला सफाई में घोर लापरवाही बरती गई। यह बात शनिवार सुबह उस वक्त साबित हुई जब नगर आयुक्त निरीक्षण पर निकले। नगर आयुक्त मेडिकल कॉलेज चौराहा पिंक टॉयलेट के पास स्थित सीवर नाला का निरीक्षण किए। उन्होंने देखा तो इसमें सफाई की स्थिति काफी बदतर पाई गई। सीवर नाला में शिल्ट जमा था। पानी निकल पाने में काफी मुश्किल हो रही थी। यह देखते हुए उनका पारा चढ़ गया। बगैर देर किए उन्होंने वेंडर यानी कार्यदायी संस्था पर एक लाख रुपये जुर्माना ठोकने का आदेश दिए। जलकल विभाग के महाप्रबंधक को इस कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कहा है कि कार्रवाई की एक प्रति सूचनार्थ उन्होंने भी भेजी जाय।