चौराहों पर बनाए गए ब्रेकर के जर्जर होने के कारण लग रहे झटके का रीढ़ पर असर

पीडब्लूडी ने खड़े किए हाथ, पीडीए के पास है ब्रेकर और चौराहों के मेंटिनेंस का चार्ज

PRAYAGRAJ: स्मार्ट सिटी के नाम पर कराए गए कुछ कार्यो से पब्लिक की फजीहत हो रही है। शहर के चौराहों पर निर्मित ढालदार ब्रेकर यात्रियों के रीढ़ से लेकर अन्य जोड़ों में दर्द दे रहा है। क्योंकि जर्जर हो चुके इस ब्रेकर पर चढ़ते व उतरते वक्त गाडि़यों में जोरदार झटके लग रहे हैं। इसके मेंटिनेंस को लेकर पीडब्लूडी ने हाथ खड़े कर दिए हैं। तर्क है कि सड़कों के मेंटिनेंस का कार्य पीडब्लूडी के हिस्से में हैं। जबकि चौराहों के सौंदर्यीकरण व ब्रेकर मेंटीनेंस का काम पीडीए के पास है। यहां सवाल यह नहीं कि काम किसके पास है। प्रश्न ये है कि हजारों लोगों की समस्या का निस्तारण कौन करेगा?

हजारों रोगों को रोज लग रहा झटका

कुंभ मेला के दौरान शहर की सड़कों का कयाकल्प हुआ था। करोड़ों रुपये के सरकारी बजट इन सड़कों के निर्माण पर खर्च किए गए। जगह-जगह चौराहों के चेहरे को भी चमकाया गया। उन दिनों तो चौराहे व सड़कें देखने लायक थीं। निर्माण के वक्त चौराहों पर चारों तरफ ढाल दार ब्रेकर बना दिए गए। साल भर बाद ही यह ब्रेकर पब्लिक के लिए मुसीबत बन गए। ज्यादातर चौराहों के ब्रेकर जर्जर हो चुके हैं। सीमेंटेड इस ढाल दार ब्रेकर पर गाड़ी से चढ़ते व उतरते वक्त लगने वाला झटका बदन के जोड़ों में दर्द दे रहा है। परेशान लोग पीडब्लूडी को कोस रहे थे। वह इस लिए कि इस ब्रेकर का विभाग द्वारा मरम्मत नहीं किया जा रहा। पब्लिक के इस दर्द को लेकर पीडब्लूडी के अफसरों से दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर द्वारा सवाल किए गए। हाथ खड़े करते हुए अफसरों ने जो जवाब दिया उसे पब्लिक की इस समस्या का कारण पीडीए नजर आया। कहा गया कि चौराहों व यहां बनाए गए ब्रेकर के मेंटिनेंस का चार्ज प्रयागराज विकास प्राधिकरण के पास है। क्योंकि पीडीए ने द्वारा यह काम पीडब्लूडी को ट्रांसफर नहीं किए गए हैं। मतलब यह हुआ कि हजारों लोगों को यह दर्द पीडीए दे रहा है। वह इस लिए कि सब कुछ देखने व जानने के बावजूद इस ब्रेकर का मेंटिनेंस विभाग द्वारा नहीं कराया जा रहा।

आते जाते भी नहीं पड़ रही नजर

कुंभ समाप्त होते ही चौराहों की दशा फिर से बदतर हो गई है। यहां लगाई गई मूर्तियों पर एक परत की धूल जम गई है। पेड़- पौधे जब से हटाए गए तब से दोबारा नहीं रखे गए। जबकि चौराहों पर बाई तरफ पौधे लगाने के लिए इंतजाम किए गए हैं। हर रोज इन चौराहों पर शहर के तमाम आलाधिकारियों का आवागमन होता है। किसी की नजर में यह सब कुछ नहीं दिखाई दे रहा।

कुंभ में बनाई गई सड़कें अब पांच साल तक चलेंगी। सड़कों के मेंटिनेंस का काम विभाग करेगा। रहा सवाल चौराहों व वहां बने ढालदार ब्रेकर का तो पीडीए देखेगा। इसका काम पीडीए के पास ही है।

इं। एके द्विवेदी, अधीक्षण अभियंता बृंत्त, पीडब्लूडी