प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस-जे की मुख्य परीक्षा का हैंडराइङ्क्षटग विवाद राजभवन पहुंच गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने राज्यपाल को पत्र लिखकर आयोग की कार्यप्रणाली और अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की। इस प्रकरण में अभ्यर्थी की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट आयोग को अभ्यर्थी की छह उत्तर पुस्तिकाएं तलब कर चुका है, हालांकि आयोग ने हलफनामे में जांच जारी होने का आधार बताते हुए कोर्ट से समय मांगा था। ऐसे में आयोग की मुश्किलें और बढऩे वाली हैं।

कापियों में हेर फेर का शक
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने पीसीएस (जे) 2022 की मुख्य परीक्षा की कापी में हेरफेर का आरोप लगाते हुए लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की भूमिका की जांच की मांग राज्यपाल से की है। प्रशांत पांडेय ने कहा कि समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी का पेपर आउट होने के बाद भी आयोग के अध्यक्ष द्वारा लगातार इनकार किया जाता रहा पर व्यापक आंदोलन के बाद और सरकार के हस्तक्षेप के बाद परीक्षा निरस्त करनी पड़ी और दर्जनों गिरफ्तारियां पेपर आउट गिरोह के सदस्यों की हो चुकी थी।

हाई कोर्ट ने मांगा है जवाब
इसके बाद अब हाई कोर्ट में एक प्रतियोगी छात्र द्वारा दायर याचिका के माध्यम से सनसनीखेज खुलासा होता है कि पीसीएस-जे 2022 की मुख्य परीक्षा में शामिल छात्र श्रवण पांडेय की कापी ही बदल दी गई है। इसके बाद आयोग में जांच-जांच का खेल शुरू हो गया है। कापी में हैंडराइङ्क्षटग बदलने का यह प्रकरण आयोग की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है और इसकी वजह से उप्र लोक सेवा आयोग अपनी विश्वसनीयता छात्रों के बीच खो चुका है। प्रशांत पांडेय ने अध्यक्ष के त्यागपत्र और सभी छात्रों को बुलाकर उनकी कापियां दिखाने की मांग की है।