प्रयागराज (ब्यूरो)। शहर में धोबी घाट से म्योहाल के बीच स्थित पत्रिका मार्ग की पटरी पर जगह- जगह गिट्टी का ढेर लगा हुआ है। इस रोड पर थोड़ा आगे चौराहे नुमा कट है। यहां सरकार द्वारा बनाए गए फुटपाथ पर बालू विक्रेताओं ने कब्जा कर रखा है। फुटपाथ पर बालू का ढेर लगा हुआ है। विवाद और झगड़े के डर से कोई इसका खुलकर विरोध नहीं करता। कहते हैं कि सब कुछ जानने व समझने के बावजूद पीडीए और नगर निगम के जिम्मेदार आंख बंद किए हुए हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों की अनदेखी से कारोबारियों के हौसले और भी बुलंद हैं। फुटपाथ और पटरी पर को डंपिंग प्वाइंट बना लेने से लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। दबी जुबान लोग कहते हैं कि ग्राहकों के घर बालू और गिट्टी पहुंचाने के लिए गाड़ी रोड पर लगा कर इन स्थानों पर लोडिंग की जाती है। इससे जाम की स्थिति बन जाती है। रोड पर इनकी गाडिय़ों के लगे होने से पब्लिक को आवागमन में परेशानी होती है। इनकी वजह से सड़क चौड़ीकरण के दौरान फुटपाथ व पटरियों पर लगाई गई दौलत व सरकार की मंशा दोनों ही व्यर्थ साबित हो रही है।

जिम्मेदार विभाग नहीं दे रहे ध्यान
खनन विभाग के जिम्मेदार बताते हैं कि लाइसेंसी डंपिंग प्वाइंट कुल हैं। इनमें बारा और व करछना तहसील क्षेत्र में दो-दो और फूलपुर में एक एक है।
इसके सिवाय जहां भी बालू या गिट्टी डंप करके बेची और जा रही है वह सब अवैध डंपिंग प्वाइंट ही हैं।
कहते हैं कि इस तरह के फुटकर विक्रेताओं से विभाग का कोई मतलब नहीं होता।
लोग बालू व गिट्टी खरीद कर कहीं भी थोड़ी बहुत डंप करके बेचें यह उनका अपना रिस्क होता है। इसमें खनन विभाग कार्रवाई का अधिकार नहीं रखता।
जमीन व सड़क सरकारी है और डंपिंग की गई है तो पीडीए या नगर निगम व पीडब्लूडी ही उन पर कार्रवाई कर सकता है।
यह उस सड़क पर निर्भर करता है कि रोड है किस विभाग की।

जिले में विभाग द्वारा जो लाइसेंस दिया गया है वह सिर्फ सात डंपिंग प्वाइंट हैं। जहां पर बालू डंप की गई है। रोड या फुटपाथ पर कहीं डंप है तो यह उस व्यक्ति का अपना रिस्क है। जिस विभाग की सड़क है उन पर वही कार्रवाई का अधिकार रखता है।
अमित रंजन, जिला खनन निरीक्षक