प्रयागराज ब्यूरो । जिले में बिजली कर्मियों की हड़ताल से स्थिति गंभीर होती जा रही है। शुक्रवार को ट्रांसफार्मर में फाल्ट के चलते मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन व तेज बहादुर सप्रू में बिजली व्यवस्था धड़ाम हो गई। पैथालाजी, एक्स-रे व आपरेशन थियेटर में कार्य प्रभावित रहे। बीमारियों की जांच कराने अस्पातल के लैब पहुंचे सैंकड़ों मरीजों का जांच नहीं हो पाई। उन्हें निराश होकर ही लौटना पड़ा। सबसे ज्यादा काल्विन का हाल रहा बेहाल रहा। एक्स-रे, आपरेशन तक प्रभावित रहा। अंधेरे के चलते डाक्टरों ने हाथ खड़ा कर दिए। वहीं बेली व काल्विन अस्पताल में आपरेशन वही हो पाए जिनमें मशीनें बिजली पर ज्यादा निर्भर नहीं रहतीं। मामूली असर डफरिन भी पड़ा। अस्पताल में ओपीडी के समय जेनरेटर से बिजली आपूर्ति होती रही।
भोर में ही गुल हो गई बिजली
बिजली कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने का असर घर मोहल्ले के साथ अस्पतालों पर सीधे तौर पर पड़ा रहा है। काल्विन अस्पताल की बिजली शुक्रवार भोर में करीब चार बजे ही चली गई थी। सुबह आठ बजे ओपीडी का समय हुआ तो मरीज आने लगे। डाक्टरों के परामर्श के बाद मरीज बीमारियों जैसे मलेरिया, टायफाइड, विटामिन बी-12, एलएफटी, केएफटी, सीबीसी, थायराइड जांच के लिए पैथालाजी पहुंचे तो वहां काम पहले से ही ठप था। पूछने पर बिजली न आने के चलते अंधेरे का हवाला दिया गया। करीब 200 मरीज बिना जांच के लिए लौटा दिए गए। एक्स-रे, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड केंद्र में भी मशीनें नहीं चल सकीं तो मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। आपरेशन थियेटर में सीआर जैसी बड़ी मशीनें नहीं चल सकीं। बिजली की कम खपत वाली मशीनों से छोटे आपरेशन होते रहे।

आगे बढ़ सकती है दिक्कत
तेज बहादुर सप्रू (बेली) अस्पताल में सुबह कुछ घंटों के लिए लाइट गई। डाक्टर्स से लेकर मरीज तक निराश हो गए। लेकिन गनीमत रही कि लाइट थोड़ी देर बाद आ गई। तब जाकर डाक्टर्स व मरीजों ने चैन की सांस ली। डाक्टर्स का कहना था कि लाइट की स्थिति कुछ ज्यादा अच्छी नहीं है। डीजल का इंतजाम किया गया है। ताकि दिक्कत बढऩे पर आगे की स्थिति से निपटा जा सकें। लेकिन कई घंटे बिजली गुल रही तो आगे की स्थिति बिगड़ सकती है। ज्यादातर आईसीयू वार्ड में बड़ी मशीनों पर मरीजों को रखा गया है। यह सभी मशीनें बिजली पर निर्भर है। ऐसे मेें जनरेटर पर ज्यादा देर तक चला पाना मुश्किल है।

एक्स-रे के औसत 70 मरीज प्रतिदिन आते हैं, पैथालाजी संबंधित औसत 200 मरीज होते हैं। इन सभी को बिना जांच ही लौटना पड़ा। डीजल की भरपूर व्यवस्था कर ली गइ है। बिजली जल्द नहीं आएगी तो आगे परेशानी बढ़ सकती है।
डा। राजेश कुमार सिंह, अस्पताल के जनसूचना अधिकारी