प्रयागराज (ब्यूरो)।काल्विन अस्पताल का स्टाफ मरीजों के तीमारदारों की लापरवाही से इतना तंग आ गया है कि व्हील चेयर उसे शौचालय में छिपाकर रखनी पड़ रही है। ऐसा कहना है कि वहां के कर्मचारी का। मंगलवार को जब रिपोर्टर ने तीमारदार ने स्ट्रेचर मांगी तो कर्मचारी ने शौचालय का दरवाजा खोलकर कहा कि अभी केवल व्हील चेयर है। आपको चाहिए तो आधार कार्ड दीजिए और ले जाइए। आखिर शौचालय में क्यों में रखा है? यह पूछने पर उसने बताया कि बहुत से लोग बिना जरूरत ले जाते हैं और वापस भी नहीं करते हैं।
एक अनार और सौ बीमार
अस्पताल में स्ट्रेचर और व्हील चेयर की संख्या काफी कम है जबकि बदले में रोजाना दो से ढाई हजार नए मरीज आते हैं। इनमें से दर्जनों मरीजों को स्ट्रेचर और व्हील चेयर की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन समय पर उपलब्ध नहीं होने से
उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है। प्रत्येक वार्ड के पास स्ट्रेचर और व्हील चेयर का स्टापेज बनाया गया है लेकिन यहां पर कभी सुविधा उपलब्ध नही होती है।

उमस से हाल बेहाल
काल्विन अस्पताल भी पावर कट की समस्या से परेशान है। रोजाना तीन से चार बार सुबह आठ से दो बजे के बीच पावर कट होता है। हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि बार बार बिजली जाने से जनरेटर चलाना पड़ता है। इससे डीजल अधिक खर्च हो रहा है। उमस के मौसम में अगर बीस मिनट भी पावर सप्लाई रुक जाए तो वार्डों में मरीज त्राहिमाम करने लगते हैं। खासकर सर्जिकल और आर्थोपेडिक वार्ड में मरीजों का अधिक परेशानी होती है।
रैन बसेरे में लगा ताला, भटकने को मजबूर परिजन
अस्पताल में शासन की ओर से रैन बसेरा बनाया गया है लेकिन उसमें ताला लगा हुआ है। यह रैन बसेरा ब्लड बैंक के ठीक बगल स्थित है। अधिकतर मरीजों को तो यह भी नही पता है कि अस्प्ताल परिसर में रैन बसेरा भी स्थित है। पूछने पर पता चला कि कोविड पीरियड के दौरान बगल के वार्ड को कोविड वार्ड बना दिया गया था। तभी रैन बसेरा बंद हो गया था। इसके एक भाग में आक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामान रखा है। बाकी पर ताला लगा दिया गया है।
ई रजिस्ट्रेशन को नही प्रमोशन
हाल ही सरकार ने अस्पतालों में स्कैन एंड शेयरिंग तर्ज पर ई रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की है। इसके लिए दूसरे अस्पताल एफर्ट कर मरीजों के मोबाइल पर ऐप डाउनलोड कर रहे हैं। जिससे मरीज दूसरी बार आए तो उसे पर्चा बनवाने में अधिक समय नही लगाना पड़े। लेकिन काल्विन अस्पताल में ई रजिस्ट्रेशन काउंटर पूरी तरह से खाली पड़े हैं। यहां पर मरीज पर्चा बनवाने नही आ रहे हैं। इसकी जगह वह बगल में बने मैनुअल काउंटर पर भीड़ लगाकर पर्चा बनवाते हैं। जिससे शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है।

आधे से भी कम डॉक्टर मौजूद
वर्तमान में इस हॉस्पिटल में डॉक्टरों की जबरदस्त कमी है। यहां पर कुल 45 पद हैं और इसके सापेक्ष केवल 21 डॉक्टर मौजूद हैं। बता दें कि यहां पर केवल एक फिजीशयन बचा है। वह भी मंगलवार को अपनी ओपीडी में नही थे। पूछने पर पता चला कि राउंड करने गए हैं। इस बीच मरीज उनका इंतजार करते रहे। हाल ही में अस्पताल मे ंदो फिजीशियन रिटायर होने के बाद जबरदस्त क्राइसिस पैदा हो गई है।

पावर कट से परेशान हैं मरीज
केस नंबर वन- राजापुर के रहने वाले मोहित अग्रवाल कहते हैं कि पावर कट से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। भीषण गर्मी में कूलर की हवा उमस पैदा कर रही है और इसके बावजूद लाइट चली जाती है तो काफी प्राब्लम होती है। इस पर रोक लगानी चाहिए।

केस नंबर दो- मंजू कुशवाहा भावापुर की रहने वाली हैं। उनके पति का पेट खराब हो गया था इसके बाद वह यहां भती हैं। वह बताती हैं कि वार्ड का शौचालय काफी गंदा है और इसकी वजह से वहां जाने में दिक्कत होती है। अक्सर पानी की समस्या भी रहती है। वह भी बिजली कटौती से परेशान हैं।

केस नंबर तीन- जलालपुर के रहने वाले लाल जी गुप्ता मेडिसिन वार्ड में भर्ती हैं। उनके नाती महेश बताते हैं कि गर्मी के सीजन में बिजली कटौती से मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। सोमवार को इससे अधिक समस्या उत्पन्न हो गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने जल्द आपूर्ति बहाल करा दी।