बगैर परीक्षा के प्रमोट होने से भविष्य में तैयारी करने वाले छात्रों पर पड़ेगा प्रभाव

परीक्षा सिर्फ एक एग्जाम पास करने के लिए नहीं होती। इसमें तमाम तथ्य एड होते हैं। परीक्षा से पहले आपका एक टाइम शेडयूल बन जाता है। एक प्रेशर बिल्ड होता है जो आपको परिस्थितियों से लड़ने के लिए तैयार करता है। पूरे कोर्स को बार-बार रिवाइज करने की हैबिट गेन होती है। सबसे इंपार्टेट तीन घंटे के भीतर क्वैश्चंस को साल्व कैसे करेंगे? इसकी हैबिट डेवलप होती है। परीक्षा के बाद पता चलता है कि कमी कहां रह गयी। छात्र उसे दूर करने का प्रयास करता है। यहां हाईस्कूल या इंटर नहीं बल्कि भविष्य में होने वाली हर परीक्षा की तैयारी की नींव होती है। यह कहना है उन लोगों का जो परीक्षाओं को क्लीयर करके आगे बढ़ चुके हैं। उनका मानना है कि बिना परीक्षा के प्रमोट कर दिये जाने से तैयारी करने वाला छात्र यह सब कुछ मिस करेगा। यह उसके लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।

कोरोना ने लगा दिया है ग्रहण

कोरोना महामारी ने इस बार परीक्षाओं पर ग्रहण लगा दिया है। पिछले साल तो बोर्ड परीक्षाएं हो भी गयी थीं। इस बार वह भी नहीं करायी गयीं। अब स्टेट यूनिवर्सिटी की यूजी-पीजी की परीक्षाएं निरस्त कर दी गयी हैं। इसके चलते तमाम छात्र यूजी के फाइनल इयर में पहुंच गये हैं। सवाल उठता है कि बगैर ढंग से पढ़ाई के दो साल से लगातार प्रमोट होने का उनके कॅरियर पर क्या असर डालेगा। इस मुद्दे पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रो। राजेन्द्र ंिसह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी के कुलपति और पीसीएस 2019 की टापर से करियर में प्रमोट होने के प्रभाव पर चर्चा की। जहां सभी ने इसका सीधा असर पड़ने की बात कही।

नॉलेज और स्किल पर पड़ेगा असर

दो सालों से लगातार बगैर परीक्षा के प्रमोट होने पर प्रो। राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। एके सिंह का मानना है कि इसका असर तो करियर पर पड़ेगा ही। उन्होंने कहां कि दो सालों से ठीक से पढ़ाई नहीं हुई। ऐसे में प्रमोट होने के कारण डिग्री पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा। जहां तक बात नॉलेज और स्किल की है। तो उस पर असर पड़ना संभव है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स में एकाग्रता की कमी दिखी। जिसके कारण सही तरह से उन्होंने पढ़ाई नहीं की। कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार ने स्टूडेंट्स की सेफ्टी के लिए जो कदम उठाया है। वह पूरी तरह से उचित कदम है। लेकिन स्टूडेंट्स को जो नॉलेज होनी चाहिए। वह नहीं है। ऐसे में उन्हें आगे की तैयारी में अधिक से अधिक समय देकर मेहनत करनी होगी। तभी वह अपने करियर में सफल हो सकते है।

सेल्फ लर्निग की एलिजबिलिटी वालों को मिलेगा एडवांटेज

प्रो। एके सिंह का मानना है कि कोरोना महामारी के दौरान जब कालेज में ऑफलाइन क्लासेस और कोचिंग संस्थान दोनों बंद थे। उस समय में सेल्फ लर्निग की आदत रखने वाले स्टूडेंट्स को इसमें एडवांटेज मिलेगा। सेल्फ लर्निग की आदत वाले स्टूडेंट्स पहले से ही समय पूरा सदुपयोग करते रहे है। ऐसे में कोरोना काल में भी उनकी पढ़ाई और नॉलेज पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। इसलिए सेल्फ लर्निग बेहद जरूरी है। स्टूडेंट्स को भी सोचना होगा कि ये परिवर्तन का समय है। ऐसे में उन्हें खुद को इसके लिए तैयार करना होगा। सिर्फ समय बिताने के लिए ऑन लाइन क्लासेस करने से बेहतर है कि उसका उपयोग अपनी तैयारी के लिए करें। सेल्फ लर्निग के दौरान जो दिक्कत आए, उसे ऑन लाइन क्लासेस में टीचर्स से डिस्कस करके दूर करें।

स्कूल और क्लास का नही है रीप्लेसमेंट

पीसीएस 2019 में टाप फाइव में जगह बनाने वाले युगांतर त्रिपाठी की माने तो कोरोना को देखते हुए सरकार की ओर से उठाया गया कदम, पूरी तरह से छात्र हित में था। उस पर कोई सवाल हीं नहीं उठ सकता है। लेकिन ये बात भी सही है कि स्कूल और क्लास का कोई रिप्लेसमेंट नहीं होता है। 12वीं के बाद स्टूडेंट्स कालेज लाइफ के दौरान सोसलाइजेशन सीखते है। जिससे उनकी पर्सनैलिटी डेवलप होती है। कालेज लाइफ में आने के बाद वह अपने कॅरियर को दिशा देने के लिए सही मार्गदर्शन पाते हैं। ऐसे में जब बगैर एग्जाम के ही प्रमोट हो रहे है और कालेज में आफ लाइन क्लासेस नहीं चल रही है। तो एकेडमिक तौर पर उसका सीधा असर पड़ना ही है। स्टूडेंट्स और प्रतियोगियों को चाहिए कि वह पूरी मेहनत करके तैयारी करें। उनकी तैयारी की नींव कमजोर है। इसलिए उन्हें अधिक मेहनत करनी होगी।

सेल्फ लर्निग की आदत डालना मौजूदा दौर में बेहद जरूरी है। इस दौरान जिन्होंने सेल्फ लर्निग की है। उनको एडवांटेज जरूर मिलेगा। वैसे ये बात भी है कि मौजूदा समय में सभी स्टूडेंट्स एक ही नाव में सवार है।

प्रो। एके सिंह

कुलपति, प्रो। राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी

सरकार का फैसला परिस्थिति जन्य है। जो स्टूडेंट्स के हित में है। लेकिन स्टूडेंट्स को अपने करियर को लेकर अधिक सजग होने की जरूरत है। क्योकि डिग्री मिलने मात्र से करियर नहीं बनता है।

युगांतर त्रिपाठी

पीसीएस टापर 2019