प्रयागराज (ब्यूरो)। वारदात बुधवार देर रात मु_ीगंज थाना क्षेत्र के गऊघाट इलाके में हुई। अतरसुइया थाना अंतर्गत चाचर नाले के पास सनोज अपनी पत्नी राधा व बेटे आलोक, अमन, मिलन के साथ रहता था। वह विवाह घर में बतौर इलेक्ट्रिक टेक्नीशियन काम करके परिवार का भरण पोषण करता था। बताया जाता है कि गऊघाट निवासी वैभव उर्फ नानू उसका जिगरी दोस्त था। दोनों साथ ही में घूमते-फिरते और खाते-पीते थे। बुधवार सुबह 11 बजे सनोज बाइक लेकर घर से निकला और फिर वापस नहीं आया। शाम करीब सात बजे पत्नी राधा ने फोन किया तो वैभव से बात हुई। उसने कहा कि सनोज उसके साथ है और जल्द ही घर पहुंच जाएगा। फिर परिवार वाले सो गए। उधर, सनोज, वैभव और मोनू ने गोशाला के बगल बने कमरे में बैठकर शराब पी। आरोप है कि कि जब दोनों नशे में हो गए तो वैभव ने कहा कि वही अक्सर शराब पिलाता है। तब सनोज ने भी पैसा खर्च करने की बात कही। इसी को लेकर उनके बीच विवाद हो गया। इससे तैश में आए वैभव ने गोबर उठाने वाली लोहे की फर्री से सनोज के सिर पर वार कर दिया। इससे उसका सिर फट गया तो भूसे के बोरे से ढंक दिया। गुरुवार भोर में करीब चार बजे वैभव के पिता हरिशंकर को कुछ आशंका हुई तो वह गौशाला वाले कमरे में पहुंचा। वहां की हालत देख दंग रह गया और तुरंत पुलिस को सूचना दे दी। थोड़ी ही देर में थानाध्यक्ष मु_ीगंज राजेश मौर्या फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपित को पकड़ लिया। फिर बेटे आलोक की तहरीर पर वैभव व मोनू के खिलाफ मुकदमा कायम किया।
पुलिस के पहुंचने पर घरवालों को पता चला
डीजे संचालक बेटे आलोक ने बताया कि भोर में चार बजे जब घर पुलिस पहुंची तो घटना की जानकारी हुई। वह स्वजनों के साथ वैभव के गौशाला पहुंचे तो खून से लथपथ पिता की लाश पड़ी थी। इससे परिवार में मातम छा गया और पत्नी व बच्चे रोते-बिलखते रहे।
अस्पताल पहुंचाता तो शायद बच जाती जान
पुलिस का कहना है कि सनोज ने वैभव के किचन में चाय बनाकर सबको पिलाया था। किचन में उसका मोबाइल भी छूट गया था। गुस्से में जब सनोज पर हमला हुआ तो उसे मृत समझकर छोड़ दिया गया। अगर उसे समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो शायद जान बच सकती थी।
शराब के पैसे को लेकर विवाद में घटना हुई है। गिरफ्तार वैभव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। दूसरे आरोपित मोनू की भूमिका की जांच हो रही है।
दिनेश कुमार ङ्क्षसह, एसपी सिटी