चंद्रशेखर आजाद व पीडी टण्डन पार्क के टॉयलेट में लटक रहे हैं ताले

आजाद पार्क के गेट नंबर तीन व छह के टॉयलेट की सफाई कंडीशन है बदतर

PRAYAGRAJ: स्मार्ट सिटी प्रयागराज के पार्को में टॉयलेट की स्थिति गांवों से भी बदतर है। जबकि हर रोज यहां हजारों लोग आते हैं। सुबह मार्निग वॉक करने वालों की संख्या भी पार्को में अच्छी खासी होती है। दिन भर परिवार के साथ या अकेले लोग शांति की तलाश में यहां घंटों वक्त बिताते हैं। इनमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल होते हैं। इनमें से किसी को भी यदि टॉयलेट जाना हो तो पार्क के बाहर का ही रास्ता देखना होगा। क्योंकि ज्यादातर पार्को में टॉयलेट के दरवाजे में ताले लटक रहे हैं। जहां दरवाजे खुले हैं उनकी कंडीशन व सफाई के इंतजाम ठीक नहीं है। शहरियों को सुकून देने वाले इन पार्को में टॉयलेट की समस्या पर जिम्मेदार ध्यान देना उचित नहीं समझ रहे।

यहां स्लिप चस्पा और काम खत्म

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की ओर से टॉयलेट एक संघर्ष कथा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पार्को में बने टॉयलेट के हालातों की पड़ताल की गई। पता चला कि शहर के सबसे बड़े व चर्चित एवं पीसफुल कहे जाने वाले शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में टॉयलेट की कंडीशन सबसे ज्यादा खराब है। गेट नंबर के दाहिनी ओर काफी दूर चलने के बाद एक टॉयलेट नजर आया। दरवाजे के ऊपर एक पुरुष तो दूसरी ओर महिला मोटे अक्षरों में लिखा हुआ है। मगर, दोनों ही दरवाजों पर ताले लगे हुए हैं। दोनों दरवाजे के बीच लगाया गया वाटर कूलर भी खराब है। दरवाजे पर स्लिप चस्पा है। जिसके ऊपर लिखा कि सबमर्सिबल खराब हैं। कृपया शौचायल नंबर तीन व छह का प्रयोग करें। अब लिखने व पढ़ने में तो यह काफी आसान है। मगर, गेट नंबर तीन व छह की इस शौचालय से दूरी कितनी है यह नहीं लिखा। यदि गेट नंबर एक पर किसी को शौचालय लगे और उसे चलकर गेट तीन या छह पर जाना पड़ जाय तो कम से कम बीस मिनट से आधा घंटे तो लग ही जाएंगे। ऐसे में किसी की कंडीशन क्या होगी? यह शायद ही बताने की जरूरत पड़े। खैर, रिपोर्टर तीन नंबर गेट के पास बने टॉयलेट के पास पहुंचा तो यहां दरवाजे खुले थे। रिपोर्टर जब टॉयलेट के अंदर पहुंचा तो एक टॉयलेट में कबाड़ नजर आया, उसका दरवाजा भी टूटा हुआ था। एक ही टॉयलेट यूजफुल दिखाई दिया। सफाई की स्थिति भी कामचलाऊ वाली ही थी। गेट नंबर दो पर तैनात गार्ड राजीव सिंह ने बताया कि सभी टॉयलेट चल रहे हैं। दो नए टॉयलेट निर्माणाधीन हैं।

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कब तक बनेगा यहां का टॉयलेट?

सिविल लाइंस स्थित पीडी टण्डन पार्क में तो टॉयलेट तो है मगर किसी काम का नहीं। अभी इसका निर्माण चल रहा है। इसलिए बाहर के दरवाजे में ताला लगा हुआ है। यहां टॉयलेट कब तक बनेगा यह बताने वाला कोई नहीं है। हालांकि पार्क से सटा हुआ एक टॉयलेट है। मगर यहां जाने के लिए लोगों को पार्क से बाहर आना पड़ता है। अब एक बार कोई पार्क से बाहर आ गया तो कटाई गई पर्ची की वैल्यू समाप्त।

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हाथी पार्क की व्यवस्था टंच

सुमित्रा नन्दन पंत बाल उद्यान यानी हाथी पार्क। इस पार्क का टॉयलेट प्रवेश गेट के ठीक बगल में है। इस टॉयलेट की कंडीशन हर जगह से काफी ठीक है। सफाई से लेकर वाटर आदि की व्यवस्थाएं चाक- चौक चौबंद हैं। महिला और पुरुष के टॉयलेट गेट के दरवाजे काफी दूर हैं।