प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वर्ष 1991 के पहले मो। जावेद उर्फ पप्पू आम आदमी की तरह गुरबत भरी जिंदगी बसर कर रहा था। परिवार चलाने के लिए वह स्कूटर मैकेनिक का काम किया करता था। उस वक्त एक नार्मल जिंदगी बसर करने वाला जावेद वर्ष 1991 में गुलाब महरा नामक युवक की हत्या कर दिया। गुलाब की हत्या के बाद उसकी झिझक खुल गई। वह अपराध की दुनिया में कदम रखा तो मुड़कर कभी पीछे नहीं देखा। हत्या से लेकर लूट व धमकी एवं रंगदारी और विवादित जमीन को अपने खौफ के दम पर खाली कराने व खरीदने का काम करने लगा। इस अपराध के जरिए वह रातों रात फर्स से अर्श तक का सफर पूरा कर लिया। उसके अपराध और क्रूरता की कहानी सुनने मात्र से लोगों की रूह कांप जाती थी। सिर पर 40 से अधिक आपराधिक मुकदमों का बोझ लद गया। पुलिस और कानून से बचने के लिए उसने राजनीति में कदम रखा। अपराध और इससे अर्जित दौलत के बूते वह इलाके का पार्षद बन गया। इसका वर्चस्व इस कदर हावी हो गया कि तीन सीटों पर उसके लोग ही पार्षद हुआ करते थे। एक वक्त आया जब उसका नेटवर्क यूपी ही नहीं राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश तक फैल गया।

अदालत के आदेश पर जावेद उर्फ पप्पू के नैनी स्थित घर पर कुर्की की कार्रवाई की गई। 25 हजार के इनामी अभियुक्त पर 40 के करीब आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बृजेश सिंह, थाना प्रभारी नैनी