प्रयागराज ब्यूरो । नीट का पेपर लीक होने का आरोप है। बिहार में इसके संकेत मिले हैं। गुजरात में इस पेपर को लेकर सेटिंग के आरोप लगे हैं। अब देश भर में छात्र विरोध प्रदर्शन पर उतर आये हैं। वह परीक्षा निरस्त करने की मांग कर रहे हैं। इसी तरह से दो दिन पहले आयोजित हुई यूजीसी नेट परीक्षा पर भी सवाल खड़ा हुआ और इस परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। नेशनल लेवल की दोनों परीक्षाओं के आयोजन की जिम्मेदारी एनटीए पर थी। इन दोनों प्रकरणों से इंटरमीडिएट से लेकर पीजी क्लीयर कर चुके छात्रों को गहरा धक्का लगा है। उन्होंने कहना शुरू कर दिया है यह उनके साथ मेंटल वायलेंस है। मुश्किल यह है कि इसका कोई केस दर्ज कराया जा सकता है। इसे वैल्यू करने वाला कोई नहीं है।

बैक टु बैक पेपर लीक
आरओ-एआरओ यूपीपीएससी
यह परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से 11 फरवरी को आयोजित की गयी थी। इसका पेपर लीक हो जाने का मामला सेम डे सामने आ गया था लेकिन यूपीपीएससी ने पेपर लीक मानने से इंकार कर दिया। स्टेट लेवल की इस परीक्षा में शामिल छात्रों ने जमकर विरोध दर्ज कराया। यूपीपीएससी मुख्यालय के सामने कई दिन तक धरना चलता रहा। इसके बाद सरकार और यूपीपीएससी दोनो ने जांच कमेटियां गठित की। छात्रों की तरफ से आये साक्ष्यों को परखने के बाद इस परीक्षा का निरस्त करने का फैसला शासन स्तर पर लिया गया।

सिपाही भर्ती परीक्षा
पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की तरफ से सिपाही भर्ती परीक्षा का आयोजन 17 और 18 फरवरी को किया गया था। इस परीक्षा में भी व्यापक पैमाने पर धांधली और पेपर लीक का आरोप लगा था। शुरुआती दौर में न तो धांधली स्वीकार करने के बाद भर्ती बोर्ड तैयार था और न ही सरकार। इसके लेकर छात्रों ने प्रदेश भर में प्रदर्शन किया और बाद में लखनऊ पहुंच गये। इसके बाद सरकार की तरफ से जांच कमेटी बैठायी गयी। बाद में इस परीक्षा को निरस्त किया गया और छह महीने के भीतर फिर से कराने का फैसला लिया गया।


देश भर के गवर्नमेंट और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजेज में यूजी कोर्सेज में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा का आयोजन पांच मई को किया गया था। इसके आयोजन की जिम्मेदारी नेशनल टेस्ट एजेंसी (एनटीए) के पास थी। परीक्षा के दिन ही बिहार में पेपर लीक के प्रमाण सामने आ गये। कई लोग गिरफ्तार किये गये। अधजले पेपर बरामद किये गये। इसके बाद भी एनटीए ने पेपर लीक मानने से इंकार कर दिया और 4 जून को रिजल्ट घोषित कर दिया। ग्रेस मार्क और एक ही सेंटर से चार टॉपर का मामला सामने आया फिर भी एनटीए और सरकार कोई धांधली मानने को तैयार नहीं है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद एनटीए ने ग्रेस मार्क पाने वाले 1563 छात्रों की परीक्षा 23 जून को फिर से कराने का फैसला लिया है। जबकि देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र पूरी परीक्षा को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।


देश भर की यूनिवर्सिटीज से रिसर्च की पढ़ाई और टीचर रिक्रूटमेंट के लिए योग्यता निर्धारित करने वाली यूजीसी नीट परीक्षा का आयोजन 18 जून को देश भर में एक साथ किया गया था। इस परीक्षा को एक दिन बाद ही रद कर किया गया है। इस परीक्षा का आयोजन भी एनटीए ने ही कराया था। यह परीक्षा प्रयागराज के 33 केंद्रों पर आयोजित की गयी थी और इसमें शामिल होने के लिए 19 हजार छात्र रजिस्टर्ड थे।

छह महीने से तैयारी कर रहा था। पेपर काफी अच्छा गया और पूरी उम्मीद थी कि इस बार जेआरएफ निकल जाएगा पर परीक्षा निरस्त होने के बाद हिम्मत जवाब दे गई है। हर प्रतियोगी परीक्षा देते समय यह डर बना रहता है कि कहीं इसका पेपर लीक न हो जाए।
हर्षित द्विवेदी

पेपर लीक होना या गड़बड़ी होना एक ट्रेंड बन गया है। एनटीए की विश्वसनीयता पर संकट खड़ा हो गया है। समझ में ही नहीं आ रहा है कि कब तक तैयारी करें। हमारा जो मेंटल हैरेसमेंट हो रहा है या समय बर्बाद हो रहा है उस पर तो कोई बात ही नहीं कर रहा है। एनटीए से परीक्षा कराना बंद कर देना चाहिए।
विकास यादव

परीक्षा हो जाने के बाद यूजीसी के चेयरमैन का बयान आता है कि परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है। प्रयागराज में ही इस परीक्षा में साल्वर पकड़ा गया था। ऐसा कई शहरों में हुआ था लेकर उन्होंने कोई जिक्र नहीं था। लेकिन अगले दिन परीक्षा निरस्त कर दी गयी। यह सरकार की लापरवाही और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
वैभव ङ्क्षसह

एनटीए को का नाम बदलकर नेशनल ठ एजेंसी कर दिया जाना चाहिए। यह एजेंसी कोई भी परीक्षा सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में विफल साबित हुई है। आपको पता है कि एक परीक्षा के लिए छात्र कितनी तैयारी करता है। वह अपनी चीजों से कम्प्रोमाइज करता है। इसके बाद पेपर लीक होने पर छात्र का मनोबल कैसे टूटता है, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है।
सौरभ ङ्क्षसह

एनटीए को लेकर छात्रों के मन मे आशंका है और विश्वसनीयता संदेह के घेरे में हैं। नीट-यूजी में धांधली को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन और गिरफ्तारी चल रही है। अब यूजीसी नेट भी निरस्त करते हुए जांच सीबीआइ को सौंप दी गई है। अब तो एनटीए द्वारा आयोजित केंद्रीय विश्वविद्यालय स्नातक प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) परिणाम और नीट-पीजी को लेकर सवाल खड़ा होने लगा है। सरकार को अविलंब एनटीए के जिम्मेदार कर्मचारियों की भूमिका की जांच करा कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।
प्रशांत पांडेय, मीडिया प्रभारीए प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति


भड़के छात्रों ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका
देश में लगातार विभिन्न परीक्षाओं के पर्चे लीक होने से आक्रोशित छात्रों ने समाजवादी छात्र सभा के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि नीट की परीक्षा में बड़े पैमाने पर धंधाली सामने आई थी। इसके बाद नेट यूजीसी की परीक्षा जो मंगलवार को संपन्न हुई थी उसे भी 24 घंटे के भीतर पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दिया गया। इससे अभ्यर्थियों और छात्रों में व्यापक आक्रोश है। इसी से आक्रोशित इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने छात्रसंघ भवन पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पुतला फूंका और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सछास के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय सम्राट ने कहा कि बीजेपी सरकार पेपर लीक करने में नंबर है और छात्रों के भविष्य को अंधकार में डाल रही है। प्रियांशु विद्रोही, आलोक तिवारी, विकास यादव, अनुराग चौरसिया, अनूप यादव, सतेंद्र गंगवार, भानू, सोनू, इकरात प्रताप आदि शामिल रहे।