प्रयागराज को नहीं मिली वैक्सीन की नई खेप, शनिवार को कई सेंटर्स पर नहीं होगा वैक्सीनेशन
रूरल में पूरी तरह खत्म हुआ कोटा, प्राइवेट में उपलब्ध
कोटा खत्म हो जाने से जिले में कोरोना वैक्सीनेशन पर ब्रेक लग गया है। शुक्रवार को ही शहर और गांव के कई सेंटर्स पर कोरोना वैक्सीन खत्म हो जाने से लाभार्थियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। शनिवार को स्थिति और ज्यादा गंभीर हो जाएगी। कई सेंटर्स पर वैक्सीन की एक डोज भी उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने शासन से वैक्सीन की मांग की लेकिन वहां भी फिलहाल सुनवाई नहीं हुई।
रूरल में निल हुआ कोटा
शुक्रवार को जिले के 34 सेंटर्स पर कोरोना वैक्सीनेशन कराया गया। इनमें गांव के 20 और शहर के 14 सेंटर्स शामिल थे। मार्निग में टीके की महज दस हजार डोज ही उपलब्ध होने के चलते स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला लिया। सभी जगह कोल्ड चेन के माध्यम से वैक्सीन भी भिजवा दी गई। लेकिन दोपहर होते-होते कई सेंटर्स पर कोरोना वैक्सीन खत्म हो गई। इसकी वजह से वहां मौजूद लाभार्थियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। खासकर रूरल के सभी सेंटर्स पर वैक्सीन का कोटा खत्म हो जाने से दिक्कत का सामना करना पडृा।
मिल चुकी है लगभग तीन लाख डोज
जिले को अब तक शासन से 285690 कोरोना वैक्सीन की डोज मिली है।
इसमें 257450 कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 28240 डोज शामिल है।
छह अप्रैल तक जिले में 2.30 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। नौ अप्रैल तक यह कार्यक्रम चला है।
बताया जा रहा है कि शनिवार को शहरी एरिया के कुछ सेंटर्स में कोरोना टीके की डोज बची है।
यहां पर कुछ लोगों को वैक्सीनेशन का लाभ मिल सकता है।
प्राइवेट में भी ठीक नही स्थिति
जिस तरह से शहर में कोरोना फैल रहा है लोगों में वैक्सीनेशन कराने की होड़ सी लगी है।
प्रतिदिन 9 से 11 हजार तक टीकाकरण हो रहा है।
शनिवार को वैक्सीनेशन नही होने से हजारों लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी स्थिति ठीक नही है।
यहां पर 250 रुपए में टीके की एक डोज लगाई जा रही है।
कुल 42 प्राइवेट हॉस्पिटल्स को टीकाकरण की परमिशन दी गई है
वैक्सीन की कमी होने से शुक्रवार को महज 22 हॉस्पिटल में ही वैक्सीनेशन ड्राइव चलाई गई है।
महंगी पड़ गई वैक्सीन की बर्बादी
बता दें कि वैक्सीन की बर्बादी में प्रयागराज को प्रदेश में पहला स्थान मिल चुका है। जिसकी भरपाई करना इतना आसान नही है। जिले में वैक्सीन की शार्टेज होने के पीछे इसे भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है। सरकार की ओर से टीकाकरण में दस फीसदी डोज को वेस्टेज श्रेणी में रखा जाता है। लेकिन जिले में यह 32 फीसदी तक पहुंच गई थी।
शासन से वैक्सीन की मांग की गई है। अभी कोई जवाब नही मिला है। जैसे ही स्थिति क्लीयर होगी इसकी जानकारी दे दी जाएगी। रूरल में पूरी तरह से शार्टेज हुई है और शहर केकुछ सेंटर्स में अभी वैक्सीन की डोज बची हुई है जो शनिवार को लगवाई जानी है।
डॉ। आरएस ठाकुर
एसीएमओ व वैक्सीनेशन प्रभारी प्रयागराज
वैक्सीनेशन को लेकर गवर्नमेंट की पालिसी क्लीयर होनी चाहिए। जो लोग घर से बाहर नही जा सकते उनको घर पर ही टीकाकरण करवाना चाहिए। इससे बुजुर्गो को दिक्कत नही होगी।
विनय कुमार शर्मा
ऐसे समय पर जब कोरोना का पीक सीजन चल रहा है ऐसे में वैक्सीन की शार्टेज सही नही है। अधिक से अधिक लोगों को इस समय वैक्सीन लगवाई जानी चाहिए तभी हम सेफ रह सकेंगे।
कंचन शर्मा
अभी पूरी तरह से बुजुर्गो तक वैक्सीन नही पहुंची है। हॉस्पिटल्स में काफी भीड़ हो रही है। ऐसे में लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। टीकाकरण बंद होने से उन्हें दिक्कत होगी।
उर्मिला देवी
सरकार को बिना देरी किए तत्काल वैक्सीन उपलब्ध करा देनी चाहिए। खासकर बुजुर्गो के लिए वैक्सीन बेहद जरूरी है। कोरोना से सबसे ज्यादा खतरा उन्ही को है। सभी को वैक्सीनेशन जरूरी है।
उमेश अग्रहरि