प्रदेश के 1300 अध्ययन केंद्रों में अंतिम सेमेस्टर व अंतिम वर्ष की परीक्षाएं
14 अगस्त तक होने वाली परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम वेबसाइट पर जारी
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के अंतिम सेमेस्टर व अंतिम वर्ष की परीक्षाएं तीन अगस्त से कराई जाएंगी। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। 14 अगस्त तक होने वाली इस परीक्षा में तकरीबन 80 हजार शिक्षार्थी शामिल होंगे।
अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर के छात्र होंगे शामिल
कोरोना की वजह से शासन के निर्देश पर अंतिम सेमेस्टर और अंतिम वर्ष के शिक्षार्थियों को छोड़कर सभी को प्रोन्नत कर दिया गया था। इसके बाद शासन की तरफ से सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश दिया गया कि नए सत्र का आगाज 13 सितंबर से हो जाएगा। इस लिहाज से विवि प्रशासन ने परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी। कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि सेमेस्टर और वार्षिक पद्धति के अंतर्गत संचालित सभी प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया गया था। शेष सेमेस्टर के शिक्षार्थियों को अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया गया। इसके अलावा स्नातक द्वितीय वर्ष के ऐसे शिक्षार्थी, जिन्हें प्रथम वर्ष में प्रोन्नत किया गया था और परिणाम द्वितीय वर्ष के अंक पर निर्धारित किया जाना था, ऐसे शिक्षार्थियों की भी परीक्षाएं कराई जाएंगी। परीक्षाएं बहुविकल्पीय एवं ओएमआर आधारित प्रश्नपत्र के माध्यम से कराई जाएंगी। प्रश्नपत्रों की समयावधि डेढ़ घंटे रखी गई है। एक विषय के सभी प्रश्नपत्रों को समाहित करते हुए यथासंभव 60 प्रश्नों का एक प्रश्नपत्र तैयार किया जाएगा। हालांकि, एक प्रश्नपत्र में अधिकतम तीन प्रश्नपत्रों को ही समाहित किया जाएगा।
कोरोना संक्रमितों को दोबारा मौका
कोरोना संक्रमित शिक्षार्थियों को भी काफी सहूलियत विवि प्रशासन की ओर से दी गई है। यदि कोरोना के चलते कोई शिक्षार्थी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाता है तो ऐसे शिक्षार्थी बगैर बैक शुल्क दिए परीक्षा में फिर हिस्सा ले सकेंगे। इसके अलावा जो शिक्षार्थी परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट रहते हैं, उन्हें आगामी परीक्षा में शामिल होकर अपने अंकों के सुधार करने का अवसर दिया जाएगा। यदि शिक्षार्थी दो प्रश्नपत्रों में अनुत्तीर्ण रहते हैं तो अधिकतम छह अंक कृपांक प्रदान कर उत्तीर्ण किया जाएगा। यह व्यवस्था मात्र जून 2021 के सत्रांत परीक्षा में लागू रहेगी।