प्रयागराज ब्यूरो । कोलकाता की घटना को लेकर 11 दिन चली रेजीडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से एसआरएन अस्पताल में मरीजों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। गुरुवार को यह हड़ताल वापस होने के बाद शुक्रवार को मरीजों ने राहत की सांस ली। शुक्रवार सुबह से ही ओपीडी में मरीजों की भीड़ उमड़ी रही। 1800 से अधिक मरीजों का पर्चा बनाया गया। सामान्य रूप से ओटी भी चली। मरीजों की प्रॉपर जांच भी की गई। रेजीडेंट डॉक्टर्स भी पूरी तरह से एक्शन में नजर आए। ओपीडी में सीनियर कंसल्टेंट ने उनका पूरा मार्गदर्शन किया। बता दें कि गुरुवार को सादे पर्चे पर मरीजों को देखे जाने के प्रिंसिपल डॉ। वत्सला मिश्रा के कदम की भी मरीजों ने सराहना की।

शुक्रवार को हुए कुल रजिस्ट्रेशन- 1838
कुल किए गए आपरेश- 45
किए गए अल्ट्रासाउंड- 4
किए गए डिजिटल एक्सरे-
सिटी स्कैन- 10
पैथोलाजी जांच- 250
हड़ताल के दौरान कुल लौटे मरीज- 11000
प्रभावित हुए आपरेशन की संख्या- 400

नही दिखे दलाल, लगे रहे वार्ड ब्वाय
एसआरएन के एसआईसी डॉ। एके सक्सेना की स्टाफ नर्स गीता व तीन वार्ड ब्वाय पर की गई कार्रवाई का असर शुक्रवार को साफ नजर आया। नई बिल्डिंग की ओपीडी के बाहर सिर्फ वार्ड ब्वाय ही मरीजों का पर्चा लगाते नजर आ रहे थे। क्योंकि हड़ताल से पहले वार्ड ब्वाय की जगह अस्पताल परिसर के बाहर बने मेडिकल स्टोरों के दलाल मरीजों का पर्चा लगाते थे। इस पर मरीजो ंने भी संतोष जाहिर किया। उनका कहना था कि अनुशासन रहे तो मरीजों को परेशानी नही हो सकती।


हड़ताल समाप्त होने के बाद सामान्य दिनों की तरह अस्पताल मं मरीजों को देखा गया है। सभी ओपीडी चली और सारे मरीज देखे गए। सामान्य तौर पर मरीजों का आपरेशन भी किया गया है।
डॉ। अजय सक्सेना, एसआईसी, एसआरएन अस्पताल प्रयागराज