काल्विन अस्पताल की ओपीडी की ओपीडी में शुक्रवार को पहुचे 552 नए मरीज
दो महीने से कोरोना, कोरोना चल रहा था। शुक्रवार को सरकारी अस्पतालों की ओपीडी शुरू हुई तो पब्लिक उमड़ पड़ी। ओपीडी में पहुंचे पेंशट्स से पता चला कि मौसमी बीमारियों ने लोगों को परेशान कर रखा है। अकेले काल्विन में शुक्रवार को पांच सौ से अधिक पेशेंट डाक्टर का परामर्श लेने के लिए पहुंचे।
मौसम भी ले रहा है परीक्षा
बीमारियों से लोगों का पीछा नहीं छूट रहा। कभी उमस भरी गर्मी तो कभी सुहाने मौसम के चलते विभिन्न बीमारियां पांव पसारने लगी हैं। शुक्रवार को मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल की ओपीडी खुलते ही शहर भर से मरीज टूट पड़े। 552 नए पर्चे बने जिसमें करीब सवा सौ पंजीकरण सिर्फ हड्डी रोग विभाग में हुए। काल्विन अस्पताल में हड्डी रोग, चर्म एवं कुष्ठ रोग, नेत्र रोग, नाक-कान-गला रोग, त्वचा रोग, सर्जरी समेत अन्य विभाग के डाक्टर ओपीडी कक्ष में बैठे। मरीजों की भीड़ न लगने पाए इसके लिए दरवाजों पर फीते बांधकर एक-एक करके ही भीतर जाने दिया गया। कई डाक्टर तो पारदर्शी पर्दे में रहे।
चर्मरोग और नेत्र रोग के केस बढ़े
काल्विन अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा। आरएस राम और चर्मरोग विशेषज्ञ डा। सूर्यकांत ओझा ने बताया कि करीब डेढ़ माह बाद ओपीडी का संचालन हुआ है, मरीज अपेक्षाकृत अधिक आए। आंख के रोगियों में कई नए रहे, इन्हें मोबाइल का इस्तेमाल घर में ज्यादा करने से सिर में दर्द की शिकायत भी रही। वहीं चर्मरोग विभाग में आए मरीजों की त्वचा पर लाल चकत्ते, चेहरे पर दाने और हाथ पैर में किसी वजह से दाग पड़ने की बीमारी पता चली।
वार्ड में कुछ मरीज भर्ती भी हुए हैं। आकस्मिक विभाग में मरीजों का इलाज पहले से ही चल रहा है। जो भी लोग अस्पताल आएं वे मुंह व नाक पर मास्क जरूर लगाएं।
डा। सुषमा श्रीवास्तव
एसआईसी, काल्विन हॉस्पिटल